World Hepatitis Day 2024: दुनिया भर में कई बीमारियां अस्तित्व में है, जिनमें से कुछ बीमारियां तो सामान्य बीमारियां होती हैं, परंतु कुछ बीमारियां ऐसी है, जिससे इंसानों की जान भी जा सकती है। ऐसी ही बीमारी में हेपेटाइटिस का भी नाम आता है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसकी वजह से इंसानों की बॉडी में लिवर अंग में सूजन उत्पन्न हो जाती है। हालांकि इस बीमारी से तुरंत ही व्यक्ति की मृत्यु नहीं होती है परंतु लंबे समय तक यदि व्यक्ति अपना इलाज नहीं करवाता है तो इस बीमारी से आदमी की जान भी जा सकती है।
वायरल इंफेक्शन इस बीमारी के होने का प्रमुख कारण माना जाता है। देखा जाए तो इस बीमारी के मुख्य तौर पर पांच प्रकार है। यदि किसी व्यक्ति के द्वारा सही प्रकार से भोजन नहीं लिया जाता है और उसकी बॉडी का पाचन तंत्र भी कमजोर है तो ऐसे में उस व्यक्ति को हेपेटाइटिस की बीमारी हो सकती है। यह बीमारी सबसे ज्यादा बरसात के मौसम में इंसानों को अपनी गिरफ्त में लेती है, क्योंकि बरसात के मौसम में वैसे ही बैक्टीरिया की वजह से लोग बीमार पड़ते रहते हैं। इस खतरनाक बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ही विश्व हेपेटाइटिस दिवस को मनाया जाता है। हम इस आर्टिकल में आज आपको इसी विश्व हेपेटाइटिस दिवस के महत्व, इतिहास और थीम तथा अन्य बातों की जानकारी दे रहे हैं।
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World Hepatitis Day 2024 Overview
आर्टिकल का नाम | विश्व हेपेटाइटिस दिवस |
दिन | अंतर्राष्ट्रीय हेपेटाइटिस दिवस |
भारत में आयोजन | 28 जुलाई |
संबंधित व्यक्ति | डॉक्टर बारूक ब्लमबर्ग |
उद्देश्य | हेपेटाइटिस के प्रति जागरूकता लाना |
विश्व हेपेटाइटिस दिवस क्या है? (What is World Hepatitis Day)
इंसानों के बॉडी के अंदर लिवर अंग से संबंधित कई बीमारियां होती है। इन्हीं में हेपेटाइटिस नाम की बीमारी भी शामिल है, जो की गंभीर बीमारी की श्रेणी में आती है। हेपेटाइटिस की बीमारी वायरस की वजह से भी हो सकती है या बैक्टीरिया की वजह से भी हो सकती है या फिर किसी प्रकार की परजीवी की वजह से भी हो सकती है।
बताना चाहते हैं कि, दुनिया भर में कैंसर जैसी घातक बीमारियां से जितनी मृत्यु होती है, उनमें मृत्यु का प्रमुख कारण लीवर कैंसर भी होता है। हालांकि हेपेटाइटिस को रोकने के कई तरीके हैं और इसकी ट्रीटमेंट भी अवेलेबल है।
हर साल दुनिया भर में हेपेटाइटिस की बीमारी के प्रति जागरूकता लाने के लिए 28 जुलाई के दिन विश्व हेपेटाइटिस दिवस अर्थात (World Hepatitis Day) का सेलिब्रेशन किया जाता है, जिसका प्रमुख उद्देश्य है अधिक से अधिक लोगों को इस बीमारी से कैसे बचा जाए, के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाना।
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विश्व हेपेटाइटिस दिवस कब मनाया जाता है? (When is World Hepatitis Day celebrated)
28 जुलाई ही वह तारीख है, जिस दिन दुनिया भर में विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। हेपेटाइटिस के बारे में बात करें, तो आप इसे लीवर की सूजन भी समझ सकते हैं।
वही हेपिटाइटिस वायरस के बारे में बात करें, तो यह मुख्य तौर पर पांच टाइप के होते हैं, जिनके नाम है:- ए, बी, सी, डी और ई। यदि समय रहते हुए व्यक्ति के द्वारा हेपेटाइटिस की ट्रीटमेंट अगर नहीं करवाई जाती है, तो इससे व्यक्ति की जान जाने का खतरा भी उत्पन्न हो जाता है।
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विश्व हेपेटाइटिस दिवस क्यों मनाया जाता है? (Why is World Hepatitis Day celebrated)
दुनिया की खतरनाक बीमारियों की लिस्ट में हेपेटाइटिस जैसी बीमारी को शामिल किया गया है। ऐसे में आप यह समझ सकते हैं कि, इसके प्रति लोगों को जागरूक करना कितना ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई बार लोग यह जान ही नहीं पाते हैं कि, आखिर उन्हें हेपेटाइटिस की बीमारी हो गई है और वह लंबे समय तक इसे नजर अंदाज करते हैं।
जिससे यह बीमारी विकराल रूप धारण कर लेती है, जिससे व्यक्ति को ट्रीटमेंट करवाने में काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं और कई बार व्यक्ति अपनी जान से भी हाथ हो बैठता है। दुनिया भर में अभी भी कई लोग हैं, जो हेपेटाइटिस के रिस्क और इसके इफेक्ट से अनजान है। ऐसे ही अज्ञानी लोगों को हेपेटाइटिस के बारे में जानकारी देने के लिए विश्व हेपेटाइटिस दिवस को मनाया जाता है।
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विश्व हेपेटाइटिस दिवस का महत्व (World Hepatitis Day Significance)
विश्व हेपेटाइटिस दिवस के माध्यम से हेपेटाइटिस की वजह से जो खतरे पैदा होते हैं, उसके बारे में लोगों में जागरूकता लाने में सहायता मिलती है। यह एक ऐसा दिवस होता है, जो लोगों को हेपेटाइटिस बीमारी से बचाने में और इसकी ट्रीटमेंट करवाने के लिए प्रेरित करने में काफी कारगर साबित होता है।
अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन की बात पर नजर डालें, तो विश्व हेपेटाइटिस दिवस के मौके पर सभी को इस बात से अवगत करवाया जाता है कि, अभी भी इस गंभीर बीमारी से हम इंसानों को लड़ना है और इसमें सभी को एक दूसरे की सहायता भी करनी है।
दुनिया भर में हर 30 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत हेपेटाइटिस की बीमारी से हो जा रही है। इसके जो पांच वेरिएंट है, यह सभी लोगों पर डिफरेंट टाइप के इफेक्ट उत्पन्न करते हैं और समय गुजरने के साथ ही यह समस्या गंभीर भी बन जाती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बात को अच्छी तरह से समझता है, इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा इस बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता लाने के लिए और इस बीमारी से जो मृत्यु होती है, उस पर रोकथाम लगाने के लिए साल 2030 तक वैक्सीनेशन, टेस्ट और मेडिसिन के अलावा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
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विश्व हेपेटाइटिस दिवस का इतिहास (World Hepatitis Day History)
ऐसे ही 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस नहीं मनाया जाता है, बल्कि इसके पीछे एक बहुत बड़ी वजह है। बताना चाहते हैं कि, 28 जुलाई के दिन ही एक ऐसे साइंटिस्ट का जन्म हुआ था, जिन्हें नोबेल अवार्ड भी हासिल हो चुका था। हम बात कर रहे हैं नोबेल पुरस्कार विजेता साइंटिस्ट डॉक्टर बारूक ब्लमबर्ग के बारे में।
अगर आपको नहीं पता तो बता दे कि, यही वह साइंटिस्ट है, जिनके द्वारा हेपेटाइटिस बी वायरस को लंबी मेहनत के बाद खोजा गया था और साथ ही साथ इन्होंने हेपेटाइटिस बी वायरस को ट्रीटमेंट के लिए टेस्ट भी किया था और इसकी वैक्सीन को भी डेवलप करने का काम किया था। इन्ही डॉक्टर के बर्थडे के मौके पर हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है और इन्हें सम्मान प्रदान किया जाता है। दुनिया में पहली बार साल 2008 में विश्व हेपेटाइटिस दिवस का आयोजन किया गया था और तब से लेकर हर साल इसे मनाया जाता है।
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विश्व हेपेटाइटिस दिवस की थीम (World Hepatitis Day Theme)
“हेपेटाइटिस इंतज़ार नहीं कर सकता”
उपरोक्त थीम ही साल 2024 के लिए विश्व हेपेटाइटिस दिवस की थीम है, जिसका अगर सरल हिंदी भाषा में अर्थ निकाला जाए, तो अर्थ यह होता है कि, हेपेटाइटिस इंतजार नहीं कर सकता है अर्थात यदि किसी को यह बीमारी हो जाती है, तो हेपेटाइटिस अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देता है।
इसलिए इंसानों को भी इसके घातक परिणामों के आने का इंतजार नहीं करना चाहिए और इसकी ट्रीटमेंट और इसके रोकथाम पर तुरंत ही एक्टिव होना चाहिए, ताकि हेपेटाइटिस के इंफेक्शन को कम कर सके या फिर इस बीमारी से छुटकारा प्राप्त कर सके।
भारत में विश्व हेपेटाइटिस दिवस (World Hepatitis Day in India)
हमारा भारत एक विकासशील देश है और देश में 60% से भी अधिक आबादी ग्रामीण इलाकों में ही निवास करती है। ऐसे में हमारे देश में तो हेपेटाइटिस के प्रति जागरूक करना और भी आवश्यक है, क्योंकि अक्सर ग्रामीण इलाकों में यह देखा जाता है कि, लोग छोटी-मोटी बीमारियों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और बाद में इसके घातक परिणाम उन्हें भुगतने पड़ते हैं।
यही कारण है कि, भारत में विश्व हेपेटाइटिस दिवस के मौके पर कई सरकारी कार्यक्रमों का आयोजन होता है। जैसे की सेमिनार के माध्यम से हेपेटाइटिस के प्रति लोगों को जागरूक करना, विद्यालयों में बच्चों से हेपेटाइटिस बीमारी पर निबंध लिखवाना,भीड़भाड़ वाले इलाकों में हेपेटाइटिस बीमारी से संबंधित बोर्ड लगवाने, ताकि लोगों को इस बीमारी और इसकी रोकथाम के बारे में जानकारी मिल सके।
विश्व हेपेटाइटिस दिवस की शुभकामनाएं (World Hepatitis Day Wishes)
- अपने जीवन को इसकी कीमत मत चुकाने दो। स्वस्थ रहें और हेपेटाइटिस से बचें।
- हेपेटाइटिस को नज़रअंदाज़ न करें, इससे लड़ें
- हेपेटाइटिस हमेशा लक्षण प्रकट नहीं करता है।
- हेपेटाइटिस के बारे में जागरूक होना इसका सामना करने और इसके खिलाफ लड़ने की दिशा में पहला कदम है।
- हेपेटाइटिस से लड़ना ही एकमात्र उपाय है।
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Conclusion:
World Hepatitis Day की महत्वपूर्ण जानकारी इस आर्टिकल में आपको मिली। अगर विश्व हेपेटाइटिस दिवस से संबंधित अन्य कोई जानकारी आपको प्राप्त करनी है, तो कमेंट बॉक्स में फटाफट से अपने सवाल पूछ ले। हम जल्द ही आपके सवालों का जवाब देंगे। अन्य महत्वपूर्ण आर्टिकल भी हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध है, तो उन्हें पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट योजना दर्पण को विजिट अवश्य करते रहें। धन्यवाद!
FAQ:
Q: विश्व हेपेटाइटिस दिवस को अंग्रेजी भाषा में क्या कहते हैं?
ANS: विश्व हेपेटाइटिस दिवस को अंग्रेजी भाषा में World Hepatitis Day कहते हैं।
Q: विश्व हेपेटाइटिस दिवस कब मनाया जाता है?
ANS: हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है।
Q: वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे की थीम क्या है?
ANS: साल 2024 के लिए वर्ल्ड हेपिटाइटिस डे की थीम है:- “हेपेटाइटिस रुक नहीं सकता”
Q: हेपेटाइटिस का क्या मतलब है?
ANS: हेपेटाइटिस नाम की बीमारी से लीवर में सूजन पैदा हो जाती है।
Q: विश्व हेपेटाइटिस दिवस को मनाने की शुरुआत किसने की?
ANS: डॉ बारूक ब्लमबर्ग के द्वारा विश्व हेपेटाइटिस दिवस को मनाने की शुरुआत की गई।