शेख हसीना जीवनी (Sheikh Hasina Biography): बीते सोमवार 5 अगस्त को शेख हसीना के इस्तीफे ने सभी को चौंका दिया, जिसके बाद वे लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। दरअसल, सोमवार को बांग्लादेश सेना प्रमुख वकर उज ज़मान ने पुष्टि की कि देश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़ दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल एक अंतरिम सरकार सत्ता संभालेगी। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार, शेख हसीना सी-130 ट्रांसपोर्ट विमान से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित हिंडन एयर बेस पर पहुंची हैं।
अब सवाल यह उठता है कि शेख हसीना कौन हैं, जो चार बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं और अचानक इस्तीफा देकर भारत आ गईं? यह प्रश्न हर किसी के मन में उठ रहा है। इस लेख में हम शेख हसीना की जीवनी Sheikh Hasina Biography पर चर्चा करेंगे, जिसमें उनके प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, परिवार, राजनीतिक करियर, उपलब्धियां और हाल ही में चल रहे विवादों का विश्लेषण किया जाएगा। यदि आप शेख हसीना के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जानना चाहते हैं, तो कृपया हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें। तो चलिए, शुरुआत करते हैं।
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Sheikh Hasina Biography Overview
जन्म तिथि | 28 सितंबर, 1947 |
आयु | 77 वर्ष |
जन्म स्थान | तुंगीपारा, बांग्लादेश |
निवास स्थान | तुंगीपारा, बांग्लादेश |
पेशा | बांग्लादेश की प्रधानमंत्री |
शिक्षा | स्नातक |
पिता | शेख मुजीबुर रहमान |
माता | शेख फजीलतुन्नेस मुजीब |
राष्ट्रीयता | बांग्लादेशी |
भाई-बहन | 3 भाई 1 बहन |
भाई-बहन नाम | भाई-शेख रसेल, शेख कमाल, शेख जमाल, बहन- शेख रेहाना |
धर्म | इस्लाम |
जीवनसाथी | एम. ए. वाजेद मिया (विवाह 1967-2009) |
Social Media | twitter , Instagram |
कौन है शेख हसीना। Who is Sheikh Hasina
शेख हसीना तीन बार से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं। वे बांग्लादेश की सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री बनने वाली नेता हैं। शेख हसीना के प्रधानमंत्री का दौर 1996 से 2001 तक रहा, इसके बाद 2009 से 2014 और 2014 से 2019 और फिर 2019 से 5 अगसत 2024 तक रहा। शेख हसीना का जन्म 28 सितंबर, 1947 को तुंगीपारा गांव में हुआ था। 1960 के दशक के अंत में ढाका विश्वविद्यालय में पढ़ाई करते समय वे राजनीति में सक्रिय हो गईं। उन्होंने 1986 से 1990 और 1991 से 1995 तक विपक्ष की नेता के रूप में काम किया।
हसीना को दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं में से एक माना जाता है। 2018 में, फोर्ब्स की सूची में उन्हें दुनिया की 100 सबसे ताकतवर महिलाओं में 26वां स्थान मिला। इसके अलावा, अमेरिकी फॉरेन पॉलिसी जर्नल ने उन्हें इस दशक के 100 महत्वपूर्ण वैश्विक विचारकों में भी शामिल किया। 2014 में, महिला सशक्तिकरण और बालिका शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उन्हें यूनेस्को शांति वृक्ष पुरस्कार मिला।
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शेख हसीना न्यूज़। Sheikh Hasina in News
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर चली गईं।उनका इस्तीफा ढाका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बाद हुआ है, जहां हजारों लोग सड़कों पर उतर आए थे।रविवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें कम से कम 98 लोग मारे गए। वहीं कुछ प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के आधिकारिक आवास में भी घुसपैठ की, जिसे गंभीर सुरक्षा उल्लंघन माना जा रहा है।
दरअसल,पिछले महीने के दौरान, सरकार विरोधी प्रदर्शनों के चलते पुलिस की कार्रवाई में लगभग 300 लोग मारे गए हैं।यह आंदोलन सिविल सेवा नौकरी कोटा के खिलाफ छात्रों के विरोध से शुरू हुआ था, जो अब हसीना के इस्तीफे की मांग करने वाले एक व्यापक सरकार विरोधी विद्रोह में बदल गया है।हाल के दिनों में कम से कम 11,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। देश भर में अशांति के कारण स्कूल और विश्वविद्यालय बंद हो गए हैं और अधिकारियों ने गोली मारने का कर्फ्यू भी लगाया है।शेख हसीना ने शनिवार को छात्र नेताओं से बातचीत की पेशकश की, लेकिन एक समन्वयक ने इसे ठुकरा दिया और इस्तीफे की एकमात्र मांग की। Sheikh Hasina Biography हसीना ने मौतों की जांच कराने और हिंसा के दोषियों को सजा देने का वादा दोहराया है।उन्होंने कहा कि वह जब भी प्रदर्शनकारी चाहें, उनके साथ बातचीत के लिए तैयार हैं।
शेख हसीना प्रारंभिक जीवन और शिक्षा। Sheikh Hasina Early life & Education
शेख हसीना का जन्म पूर्वी बंगाल के तुंगीपारा गांव में एक प्रमुख बंगाली मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान एक प्रसिद्ध राजनीतिक नेता थे, जिन्होंने बांग्लादेश के स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हसीना का बचपन अपने पिता की राजनीतिक गतिविधियों के प्रभाव में गुजरा। इस वजह से उनके परिवार को अक्सर खतरों का सामना करना पड़ता था। शेख मुजीबुर रहमान की राजनीतिक गतिविधियों के चलते परिवार की सुरक्षा और स्थिति हमेशा अस्थिर रही।
हसीना ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तुंगीपारा के स्थानीय स्कूल से पूरी की और फिर ईडन मोहिला कॉलेज से उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने ढाका विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, जहाँ वे 1960 के दशक के अंत में छात्र राजनीति में सक्रिय हो गईं। इस समय के दौरान, उन्होंने बांग्लादेश के प्रमुख भौतिक विज्ञानी और लेखक एम.ए. वाजेद मिया से शादी की। यह शादी उनके जीवन के महत्वपूर्ण मोड़ों में से एक थी, जो उनके राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण को प्रभावित करने वाली रही।
उनकी शिक्षा और राजनीतिक सक्रियता ने उन्हें बांग्लादेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। शेख हसीना की राजनीतिक यात्रा उनके परिवार की कठिनाइयों और उनके पति के सहयोग के साथ आगे बढ़ी, और उन्होंने बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरी तरह से निभाया। उनके पिता की तरह, उन्होंने भी देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और बांग्लादेश के विकास में योगदान किया।
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शेख हसीना का परिवार और संघर्ष। Sheikh Hasina’s Family And Struggle
28 सितंबर 1947 को शेख हसीना का जन्म पूर्वी बंगाल के तुंगीपारा गांव में एक बंगाली मुस्लिम शेख परिवार में हुआ था। उनके पिता, शेख मुजीबुर रहमान, बांग्लादेश के संस्थापक पिता के रूप में प्रसिद्ध हैं और देश के पहले राष्ट्रपति भी थे। Sheikh Hasina Biography शेख हसीना के दादा के माध्यम से उनके परिवार में इराकी अरब वंश की कुछ झलक भी मिलती है।
हसीना ने 1968 में एम.ए. वाजेद मिया से शादी की थी। एम.ए. वाजेद मिया एक प्रमुख भौतिक विज्ञानी थे। दुर्भाग्यवश, उनका निधन 2009 में हो गया था। शादी के बाद, हसीना का जीवन भी राजनीतिक गतिविधियों और संघर्षों से भरपूर था। 1970 में पाकिस्तान के आम चुनाव के दौरान जब हिंसा चरम पर थी और उनके पिता को गिरफ्तार कर लिया गया था, तब शेख हसीना अपनी दादी के साथ रहती थीं। उस समय वह ढाका विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में भी सक्रिय थीं।
15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश ने एक बड़ा संकट देखा जब बांग्लादेश सेना के विद्रोही अधिकारियों ने एक सैन्य तख्तापलट किया और शेख मुजीबुर रहमान और उनके परिवार के अधिकांश लोगों की हत्या कर दी। इस दुखद घटना के समय शेख हसीना और उनके पति पश्चिम जर्मनी में थे। उनके पति वहां एक परमाणु भौतिक विज्ञानी के रूप में काम कर रहे थे। इस समय हसीना अपने परिवार के संकट को बहुत दूर से देख रही थीं और बांग्लादेश में अपने प्रियजनों के लिए चिंतित थीं।
1975 के अंत में, शेख हसीना को भारत द्वारा शरण दी गई और वे नई दिल्ली चली आई। बांग्लादेश की राजनीति में उनकी वापसी को लेकर काफी अनिश्चितता थी। उन्हें बांग्लादेश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिल रही थी, और वे इस स्थिति में लंबे समय तक रहीं। हालांकि, 16 फरवरी, 1981 को उन्हें अवामी लीग का नेतृत्व करने के लिए चुना गया, जो बांग्लादेश की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी है। इसके बाद, 17 मई, 1981 को उन्होंने बांग्लादेश लौटने का निर्णय लिया और स्वदेश वापस आईं।
शेख हसीना की यह यात्रा एक संघर्षपूर्ण और कठिन समय की कहानी है। अपने परिवार की मृत्यु और राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद, उन्होंने अपने देश की सेवा में लौटने का निर्णय लिया और अपने नेतृत्व में बांग्लादेश को नए दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध रहीं। उनका जीवन और संघर्ष बांग्लादेश की राजनीति और इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
शेख हसीना का राजनीतिक करियर। Political Career Of Sheikh Hasina
- शेख हसीना का बांग्लादेश की प्रधानमंत्री का पहला कार्यकाल (1996-2001)
शेख हसीना ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में अपना पहला कार्यकाल 1996 से 2001 तक पूरा किया। इस समय के दौरान, वे बांग्लादेश की पहली प्रधानमंत्री बनीं जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद पांच साल का पूरा कार्यकाल पूरा किया। इस कार्यकाल के दौरान, उन्होंने भारत सरकार के साथ गंगा नदी के पानी के बंटवारे के लिए 30 साल की एक समझौता पर भी हस्ताक्षर किए।
- शेख हसीना का बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल (2009-2014)
2001 से 2007 तक के अंतराल के बाद 6 नवंबर 2008 को शेख हसीना बांग्लादेश में 2008 के आम चुनावों में भाग लेने के लिए लौट आईं। उन्होंने अपने चुनावी अभियान को ‘महागठबंधन’ के नाम से जातीय पार्टी के साथ मिलकर चलाने का निर्णय लिया। इसके बाद, 11 दिसंबर, 2008 को, शेख हसीना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी पार्टी के चुनाव घोषणापत्र की जानकारी दी।
प्रधानमंत्री के रूप में अपने इस कार्यकाल में, शेख हसीना ने बांग्लादेश में पाकिस्तानी सेना और उनके स्थानीय सहयोगियों द्वारा किए गए नरसंहार के दोषियों की जांच और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण बनाने में सफलता प्राप्त की।
- शेख हसीना का बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में तीसरा कार्यकाल (2014-2019)
शेख हसीना ने 2014 के आम चुनाव में बड़ी जीत के बाद दूसरी बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री का पद संभाला। ये चुनाव विवादित रही क्योंकि चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाएं और विपक्षी पार्टी पर कार्रवाई की खबरें सामने आईं थी।
- शेख हसीना का प्रधानमंत्री के रूप में चौथा कार्यकाल (2019-2024)
शेख हसीना ने लगातार तीसरी बार और कुल मिलाकर चौथी बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनने के लिए चुनाव जीत लिया। उनकी पार्टी, अवामी लीग, ने 300 संसदीय सीटों में से 288 सीटें जीतीं। विपक्षी नेता कमाल हुसैन ने इस चुनाव को नकारात्मक कहा और परिणामों को अस्वीकार कर दिया। शेख हसीना ने मई 2021 में बांग्लादेश डाकघर के नए मुख्यालय का उद्घाटन करते हुए एक भाषण भी दिया।देश में काफी लंबे समय से चल रहे राजनीतिक तनाव के बीच उन्होंने 5 अगस्त, 2024 बीते सोमवार अपने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
शेख हसीना नेट वर्थ। Sheikh Hasina Networth
शेख हसीना की नेट वर्थ सार्वजनिक रूप से उजागर नहीं की गई है, और यह कई राजनीतिक नेताओं के लिए एक सामान्य स्थिति है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री और देश की राजनीति में चार दशकों से अधिक समय से एक प्रमुख भूमिका निभाने वाली शेख हसीना ने अपने करियर के दौरान काफी धन और संपत्ति अर्जित की होगी ऐसा अनुमान लगाया जाता है। हालांकि उनके व्यक्तिगत वित्तीय विवरण आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं हैं, उनके लंबे राजनीतिक करियर और सार्वजनिक जीवन को देखते हुए यह कहना उचित होगा कि उन्होंने महत्वपूर्ण वित्तीय संपत्ति जमा की है।
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शेख हसीना की उपलब्धियां। Sheikh Hasina Achievements
अपनी नेतृत्व उत्कृष्टता और बौद्धिक कौशल के सम्मान में, शेख हसीना को सम्मानित किया गया है-
- जापान के वासेदा विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टर ऑफ लॉज़
- यू.के. के एबर्टे डंडी विश्वविद्यालय द्वारा लिबरल आर्ट्स में मानद डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी
- भारत के पश्चिम बंगाल के विश्वभारती विश्वविद्यालय द्वारा देसिकोत्तमा की मानद उपाधि
- ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टर ऑफ लॉज़
- यूएसए के ब्रिजपोर्ट विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टर ऑफ ह्यूमेन लेटर्स
- बांग्लादेश के ढाका विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टर ऑफ लॉज़
- रोटरी इंटरनेशनल द्वारा पॉल हैरिस फेलोशिप
- यूनेस्को का हौफौएट-बोइग्नी शांति पुरस्कार, 1998
- एम के गांधी पुरस्कार, 1998
- मदर टेरेसा पुरस्कार, 1998 और 2006
- यूएसए के रैंडोल्फ मैकॉन महिला कॉलेज द्वारा पर्ल एस बक पुरस्कार, 1999
- सीईआरईएस पदक, 1999
- एमडीजी उपलब्धि (बाल मृत्यु दर) के लिए यूएन पुरस्कार, 2010
- इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार, 2009
- दक्षिण-दक्षिण पुरस्कार, 2011
- एमडीजी उपलब्धि के लिए यूएन पुरस्कार, 2013
- रोटरी शांति पुरस्कार, 2013
- शांति का वृक्ष, 2014
- आईसीटी सतत विकास पुरस्कार, 2015
- पृथ्वी के चैंपियन, 2015
- परिवर्तन के एजेंट पुरस्कार, 2016
- ग्रह 50-50 चैंपियन, 2016
Conclusion: Sheikh Hasina Biography
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FAQ’s
Q.शेख हसीना का जन्म कब और कहां हुआ था?
Ans.शेख हसीना का जन्म 28 सितंबर, 1947 को बंगलादेश के तुंगीपारा में हुआ था।
Q.शेख हसीना की उम्र क्या है?
Ans.शेख हसीना की उम्र 77 वर्ष है।
Q.शेख हसीना का पेशा क्या है?
Ans.शेख हसीना पेशे से राजनीतिज्ञ है और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री हैं।
Q.शेख हसीना के पति कौन हैं?
Ans.शेख हसीना के पति का नाम एम. ए. वाजेद मिया
Q.शेख हसीना के पति की मृत्यु कब हुई?
सन 2009 में शेख हसीना के पति की मृत्यु हो गई थी।
Q.शेख हसीना के माता-पिता कौन हैं?
Ans.शेख हसीना के पिता का नाम शेख मुजीबुर रहमान और माता का नाम शेख फजीलतुन्नेस मुजीब है।
Q.शेख हसीना के भाई-बहन कौन हैं?
Ans.शेख हसीना के भाई-बहन का नाम शेख रेहाना है।