Makar Sankranti Vahan 2024: क्या आप मकर संक्रांति वाहन के बारे में जानते है? 2024 में सूर्य देव का वाहन कौन है? जाने सब कुछ

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Makar Sankranti Vahan 2024 : मकर संक्रांति (Makar Sankranti) हिंदू धर्म के लोगों का प्रमुख पवित्र त्यौहार है। 2024 में मकर संक्रांति  त्यौहार (Makar Sankranti Festival) 15 जनवरी सोमवार को मनाया जाएगा। जब सूर्य धनु राशि से निकाल कर मकर राशि में प्रवेश करता है तभी मकर संक्रांति मनाई जाती हैं। मकर संक्रांति को उत्तरायण भी कहते हैं, क्योंकि मकर संक्रांति के  के दिन सूर्य उत्तर की तरफ अग्रसर होने लगता है। 2024 में मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त सुबह 7.15 बजे से सुबह 6.21 बजे तक, रहेगा प्रत्येक साल मकर संक्रांति विशेष वाहन पर सवार होकर आता हैं। इस बार पड़ने वाली मकर संक्रांति का वाहन ‘घोड़ा और उप वाहन शेर है। दोनों ही रफ्तार के प्रतीक है। मकर संक्रांति 2024 का आगमन दक्षिण दिशा से और गमन उत्तर दिशा से होगा। 

ऐसे में 2024 में शेयर मार्केट में काफी तेजी देखी जा सकती है और किसानों के लिए काफी बड़ी खुशखबरी है गेहूं के उत्पादन बढ़ेंगे। दुध और इससे बनने वाली  वस्तुओं के उत्पादन और उनकी मांग में वृद्धि होगी इसलिए खाद्य पदार्थों के दामों में बढ़ोतरी देखी जा सकती हैं। इसलिए आज के आर्टिकल में Sankranti Vahan 2024 | 2024 में सूर्य का वाहन कौन होगा? के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी आपको प्रदान करेंगे आर्टिकल पर बनी रहिएगा चलिए जानते हैं:-

मकर संक्रांति वाहन का राज | Makar Sankranti 2024 Vahan 

Makar Sankranti Vahan 2024:- मकर संक्रांति के त्यौहार में वाहन का विशेष महत्व है क्योंकि इसके माध्यम से पता चलता है कि किस राशि को इस बार कौन सा शुभ फल प्राप्त होगा। जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करता हैं तभी जाकर मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता हैं। भगवान सूर्य देव हर एक महीने राशि के अनुसार भ्रमण करते हैं’ और उस समय उनके वाहन अलग-अलग होते हैं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान सूर्य देव प्रत्येक साल एक विशेष वाहन पर सवार होकर आते हैं। संक्रांति का यह वाहन कभी शेर, बैल, सुअर तो कभी भैंस होती है।  

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इस बार मकर संक्रांति पर सूर्यदेव का वाहन

प्रत्येक साल मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य देवता का वहां अलग-अलग होता है 2024 में भगवान सूर्य देव सूअर पर सवार होकर आ रहे हैं आज के समय सूर्य देवता धनु राशि में है जिसे हम लोग खरमास या मलमास के रूप में जानते हैं। जब भगवान सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दौरान सभी शुभ कार्य बंद किए जाते हैं। इसके उपरांत जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है तभी जाकर मक्का संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता हैं। उसके बाद से ही शुभ मुहूर्त का शुभारंभ होता हैं। इसके बाद शादी’ पूजा पाठ जैसे कार्य आप कर सकते  हैं। भगवान सूर्य देव जब विभिन्न विभिन्न राशियों में प्रवेश करते हैं तो उसका सीधा प्रभाव राशियों के जातकों पड़ता हैं। मकर संक्रांति के पावन अवसर पर भारत के विभिन्न राज्यों में विशेष प्रकार के गंगा स्नान मेला आयोजन भी किया जाता है जहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित होकर गंगा स्नान कर भगवान सूर्य देव की पूजा करते  हैं। मकर संक्रांति के दिन से दिन बड़ी और रात छोटी होनी शुरू हो जाती हैं। 

मकर संक्रांति पर स्नान व दान

मकर संक्रांति के दिन सुबह के समय स्नान कर भगवान सूर्य देव की पूजा अगर आप करते हैं तो आपको विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा इसके अलावा मकर संक्रांति के दिन तिल से बनी हुई चीजों का दान शुभ माना जाता हैं। यही वजह है कि मकर संक्रांति में यदि आप गरीब और जरूरतमंद लोगों को कंबल दान करते हैं तो’ आपको महा पुण्य की की प्राप्ति होगी। हिंदू धर्मशास्त्र में कहा गया है कि मकर संक्रांति के दिन यदि आप दान करते हैं तो ‘वह सीधे भगवान को अर्पित होता है। 

ऐसे हुई संक्रांति पर खिचड़ी खाने की शुरूआत 

मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने की शुरुआत कैसे हुई उससे संबंधित एक कहानी बहुत ज्यादा प्रचलित है कहा जाता है कि जब खिलजी और बाबा गोरखनाथ के बीच में युद्ध चल रहा था तो उस समय नाथ समुदाय के जितने भी योगी थे। उनके उनके पास समय नहीं था कि’ खाना बना सके। जिसके कारण सभी लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी थी।  ऐसे में बाबा गोरखनाथ ने दाल चावल और सब्जी को मिलाकर भोजन बनाया और सभी नाथ योगी को भोजन दिया जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार आया।  तभी से खिचड़ी बनाने की परंपरा शुरू हुई मकर संक्रांति के दिन जो खिचड़ी बनाई जाती है उसका संबंध किसी न किसी ग्रह से जरूर होता हैं।खिचड़ी में इस्तेमाल होने वाले चावल का संबंध चंद्रमा से, उड़द की दाल का संबंध शनिदेव (Shanidev) से, हल्दी का संबंध गुरू और हरी सब्जियों का संबंध बुध देव से होता है। इसके अलावा घी का संबंध सूर्य देव से होता है।  यही कारण है कि मकर संक्रांति (Makar Sankranti) में खिचड़ी का विशेष महत्व हैं। 

मकर संक्रांति कब है? Makar Sankranti Kab Hai

मकर संक्रांति 2024 में 15 जनवरी सोमवार को पूरे भारतवर्ष में मनाया जाएगा हालांकि भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मकर संक्रांति मनाने की परंपरा अलग हैं। जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है तभी जाकर मकर संक्रांति मनाई जाती हैं।  

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मकर संक्रांति वाहन (Makar Sankranti 2024 Vahan)

मकर संक्रांति के त्यौहार में वाहन का विशेष महत्व है 2024 में मकर संक्रांति का वाहन ‘‘घोड़ा और उप वाहन शेर है।   प्रत्येक साल मकर संक्रांति का वाहन  अलग-अलग होता है और उसके अनुरूप ही मकर संक्रांति मनाई जाती हैं।  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 2024 में मकर संक्रांति का आगमन दक्षिण दिशा से वाराह वाहन पर सवार होगा | जिसका सीधा मतलब है कि इस साल कृषि के उत्पादन में वृद्धि देखी जाएगी हालांकि बता दे कि इस बार खाद्य पदार्थों के दामों में वृद्धि भी हो सकती है जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा इस बार संक्रांति का गण उत्तर दिशा की तरफ होगा इसलिए उत्तर भारत के लिए संक्रांति लाभदायक होगा।

मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है?

संक्रांति का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। इस शुभ दिन पर, सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है जो सर्दियों के महीनों के अंत और लंबे दिनों की शुरुआत का प्रतीक है। यह माघ महीने की शुरुआत है. मकर संक्रांति के दिन से, सूर्य अपनी उत्तर दिशा या उत्तरायण यात्रा शुरू करता है। इसलिए इस पर्व को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन देशभर के किसान अच्छी फसल की कामना करते हैं। भारत के गुजरात में पतंग प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है जहां पर सभी लोग सम्मिलित होते हैं मकर संक्रांति के दिन तिल से बने चीज दान करना काफी शुभ माना जाता है इसके अलावा गरीबों और जरूरतमंद लोगों को आप वस्त्र और कंबल भी दान कर सकते हैं इससे आपको महा पुण्य की प्राप्ति होगी। 

Makar Sankranti Kab Manaya Jata Hai

मकर संक्रांति का त्योहार प्रत्येक साल 14 जनवरी को मनाया जाता है परंतु 2024 में मकर संक्रांति 15 जनवरी सोमवार को भारत के विभिन्न प्रांतो में धूमधाम के साथ मनाया जाएगा जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है तभी मकर संक्रांति मनाई जाती हैं। 

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Conclusion:

उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल आपको पसंद आएगा आर्टिकल संबंधित अगर आपका कोई भी सुझाव या प्रश्न है तो आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर पूछ सकते हैं उसका उत्तर हम आपको जरूर देंगे तब तक के लिए धन्यवाद और मिलते हैं अगले आर्टिकल में 

FAQ’s: Makar Sankranti Vahan 2024

Q.2024 में मकर संक्रांति कब है?

Ans.मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी और द्रिकपंचांग के अनुसार शुभ समय सुबह 7:15 बजे से शाम 5:46 बजे के बीच है।

Q.क्या मकर संक्रांति भारत के बाहर मनाई जाती है?

मकर संक्रांति, एक हिंदू त्योहार होने के नाते, भारत और नेपाल में भी मनाया जाता है। इसके अलावा, कुछ अन्य देश भी हैं  जहां पर मकर संक्रांति मनाई जाती हैं। 

Q.मकर संक्रांति पर कौन से स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते हैं?

Ans.कुछ स्वादिष्ट व्यंजन जिन्हें आप इस मकर संक्रांति पर बना सकते हैं, वे हैं पूरन पोली, उंधियू, साबूदाना वड़ा, भोगीची भाजी, खारा पोंगल आदि।

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