Jitan Ram Manjhi Biography: जीतन राम मांझी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में विजय प्राप्त करने के बाद, नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में 9 जून, 2024 को आयोजन हुआ, जिसमें पीएम मोदी के साथ 72 मंत्रियों ने भी अपने नए कार्यकाल की शपथ ली। इनमें 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 36 राज्य मंत्री शामिल थे।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संस्थापक जीतन राम मांझी को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। मांझी ने गया से लोकसभा चुनाव लड़ा और अपनी पार्टी को एकमात्र सीट पर विजयी बनाया। उन्होंने मई 2014 से फरवरी 2015 तक बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था, जब उन्हें नीतीश कुमार ने जनता दल (यूनाइटेड) के प्रभाव को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री पद से हटाया गया था।
जीतन राम मांझी का जन्म गया, बिहार में हुआ था और वे अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1980 में कांग्रेस के विधायक के रूप में करते हुए आगे बढ़े। उनका व्यक्तित्व और कार्यक्षमता दलित समुदाय में बहुत प्रसिद्ध है, और उन्होंने अपने निष्कलंक और उदार दृष्टिकोण से स्थानीय राजनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है।उनके प्रति लोगों का सम्मान और विश्वास उनके राजनीतिक सफलताओं में मजबूती और साहस देता है, जो उन्हें एक प्रमुख दलित नेता के रूप में प्रसिद्ध करता है।
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Jitan Ram Manjhi Biography in hindi
पूरा नाम | जीतन राम मांझी |
जन्म तिथि | 06 अक्टूबर 1944 (आयु 79) |
जन्म स्थान | बिहार के गया जिले के खिजरसराय में महकार गांव |
पार्टी का नाम | हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा |
शिक्षा | स्नातक |
पेशा | सामाजिक कार्यकर्ता |
पिता का नाम | स्वर्गीय रामजीत राम मांझी |
माता का नाम | सुकुमारी देवी |
धर्म | हिंदू |
जाति | मुशहर (दलित) |
सोशल मीडिया | फेसबुक एक्स |
कौन हैं जीतन राम मांझी (Who is Jitan Ram Manjhi)
जीतन राम मांझी बिहार के राजनीतिक मंच पर एक महत्वपूर्ण नाम हैं। उनका जन्म गया जिले के खिजरसराय में एक छोटे से गांव महकार में हुआ था। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा को कांग्रेस पार्टी से शुरू किया था, जब वे 1980 में बिहार विधान सभा के सदस्य बने। उनकी प्रज्ञा और सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण ने उन्हें जल्द ही मंत्री पद पर पहुंचाया, जहां उन्होंने अपने राजनीतिक कुशलताओं को प्रदर्शित किया। उन्होंने बिहार की राजनीतिक स्कायर पर अपनी पहचान बनाने के लिए अलग-अलग दलों में अपनी निष्ठा दिखाई, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जनता दल (यूनाइटेड) शामिल हैं।
2014 में एक महत्वपूर्ण घटना ने मांझी की राजनीतिक दिशा को पूरी तरह से बदल दिया, जब उन्हें अचानक बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर नियुक्त किया गया। इस नियुक्ति ने उनकी प्रोफाइल को बढ़ावा दिया, क्योंकि वे बिहार के इतिहास में सिर्फ तीसरे अनुसूचित जाति के नेता बने। अपने कार्यकाल में, उन्होंने विभिन्न सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में सुधार के लिए प्रयास किया, खासकर अपनी जाति के लोगों के लिए।
मांझी का कार्यकाल विवादों से भरा रहा है, जिसमें उनकी अपेक्षाओं के खिलाफ कई बयानों और नीतियों के माध्यम से उनका सामाजिक और राजनीतिक समर्थन पर प्रभाव पड़ा। हालांकि, उनके नेतृत्व में राज्य में कुछ विकास कार्यों ने उन्हें सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए सम्मान दिलाया। उनके कार्यकाल के बाद, उन्होंने राजनीतिक स्थायित्व में बनाए रखने के लिए कई राजनीतिक उठापन भी किए।
2024 में हुए आम चुनावों के बाद, जीतन राम मांझी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया। इससे उनकी राजनीतिक प्रवृत्ति में एक नया पृष्ठ खुला और उनके समर्थकों के बीच उम्मीद और आकांक्षाएं बढ़ी। उनका उच्च स्तरीय कार्यकाल और राजनीतिक जीवन बिहारी लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना रहा है, जिसके माध्यम से वे अपने समुदाय के विकास में योगदान दे रहे हैं।
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जीतन राम मांझी का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Jitan Ram Manjhi Early life & Education)
जीतन राम मांझी, बिहार के राजनीतिक स्तर पर एक प्रमुख व्यक्ति, ने अपने जीवन में संघर्ष और समर्पण से अपना नाम कमाया है। उनका जन्म 6 अक्टूबर, 1944 को गया जिले के महकार गांव में हुआ था, जो कि मुसहर समुदाय से संबंधित है, जो बिहार में दलित समाज के हाशिए पर स्थित है। उनके परिवार में गरीबी के माहौल में बचपन बिताना पड़ा, लेकिन इस बावजूद भी, मांझी ने शिक्षा को महत्व दिया और अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने मगध विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातक की डिग्री हासिल की और फिर राजनीति में कदम रखा।
मांझी का राजनीतिक करियर उनके समुदाय के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बना। उन्होंने राजनीतिक सफर की शुरुआत जनता दल से की, जहां उन्होंने अपनी सक्रियता और समर्पण के माध्यम से अपने आप को साबित किया। उनकी विशेषता रही सामाजिक न्याय और विकास के प्रति उनकी अविचल निष्ठा, जिसने उन्हें बिहार विधानसभा के सदस्य बनाया।मांझी की राजनीतिक यात्रा में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां उन्होंने श्रम, कल्याण, लघु सिंचाई और परिवहन जैसे विभिन्न मंत्री पदों पर कार्य किया। उनका योगदान बिहार के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण रहा, जो उनके समुदाय के लोगों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बना।
2014 में उनकी राजनीतिक राह में एक महत्वपूर्ण पलटन आई, जब उन्हें अप्रत्याशित रूप से बिहार के मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया। इस निर्णय ने मांझी के राजनीतिक जीवन को नई दिशा दी, और उन्हें बिहार के सियासी परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया।उनका संघर्ष और समर्पण उन्हें नहीं सिर्फ राजनीतिक सफलता दिलाया, बल्कि उन्होंने अपने समुदाय के लिए एक उदाहरण स्थापित किया कि गरीबी और सामाजिक-आर्थिक असमानता के बावजूद भी, एक व्यक्ति अपनी मेहनत और स्मरणशीलता से किसी भी क्षेत्र में उच्चायों तक पहुंच सकता है।
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जीतन राम मांझी परिवार और विवाह (Jitan Ram Manjhi Family & Marriage)
मांझी का जन्म 6 अक्टूबर 1944 को बिहार के गया जिले के खिजरसराय क्षेत्र के महकार गांव में हुआ था। उनके पिता रामजीत राम मांझी और माता सुकरी देवी खेतिहर मजदूर थे। उन्हें अपने उच्च जाति के जमींदार की अनुमति मिलने के बाद 7वीं कक्षा तक एक उच्च जाति के शिक्षक द्वारा पढ़ाया गया था। मगध विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने 13 साल तक गया टेलीफोन एक्सचेंज में काम किया, जब तक कि उनका छोटा भाई पुलिस में भर्ती नहीं हो गया। उनकी शादी शांति देवी से हुई है; दंपति के दो बेटे और पांच बेटियां हैं। उनके एक बेटे संतोष सुमन मांझी एमएलसी हैं।
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जीतन राम मांझी का राजनीतिक करियर (Jitan Ram Manjhi Political Career)
जीतन राम मांझी बिहार के राजनीतिक मंच पर एक अद्वितीय पहचान बनाने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) नामक नवगठित राजनीतिक पार्टी की स्थापना की और उसके प्रमुख भी रहे। नीतीश कुमार के साथ विवाद के बाद, जब पार्टी के हाईकमान ने उन्हें निकाल दिया और प्राथमिक सदस्यता छीन ली, तो मांझी पहले से ही जनता दल (यूनाइटेड) के सदस्य थे। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी की अपमानजनक हार के बाद, उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा दे दिया। इसके बाद नीतीश कुमार ने स्वयं ही मांझी को राज्य के मुख्यमंत्री पद के लिए चुना, क्योंकि जदयू (यू) ने सिर्फ दो सीटें जीती थीं। उनका चयन बिहार में दलित वोट बढ़ाने के प्रयास के रूप में भी देखा गया, जो 2015 में आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ।
मांझी बिहार के 23वें मुख्यमंत्री बने, और इस पद पर पहुँचने वाले तीसरे दलित नेता बने, भोला पासवान शास्त्री और राम सुंदर दास के बाद। उनका राजनीतिक सफर 1990 तक कांग्रेस पार्टी में शुरू हुआ, जहाँ उन्होंने 1980 से 1990 तक विधायक के रूप में काम किया। बाद में वे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में शामिल हो गए और 1996 से 2005 तक विधायक रहे। उन्होंने 2005 में जदयू में शामिल होकर अगले दस वर्षों तक पार्टी के साथ रहा। उनके राजनीतिक करियर के दौरान, उन्होंने बिहार सरकार के विभिन्न मंत्रिमंडलों में भी काम किया, और नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में भी शामिल रहे। उन्होंने बिंदेश्वरी दुबे, चंद्रशेखर सिंह, जगन्नाथ मिश्रा, सत्येंद्र नारायण सिंह, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी जैसे कई पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया। उन्होंने बिहार के विभिन्न निर्वाचनी क्षेत्रों से भी विधायक चुनाव लड़े हैं, जैसे कि 2005 में बाराचट्टी और 2010 में मखदुमपुर। हालांकि, उनके मुख्यमंत्री बनने की चर्चा में कई राजनीतिक दिग्गजों ने उन्हें कठपुतली मुख्यमंत्री के रूप में समझा।
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जीतन राम मांझी की उपलब्धियां (Jitan Ram Manjhi Achievements)
जीतन राम मांझी बिहार के राजनीतिक मंच पर अनूठे संघर्षों और सफलताओं का प्रतीक रहे हैं। उनका जन्म 6 अक्टूबर, 1944 को गया जिले के महकार गांव में हुआ था, जो मुसहर समुदाय से संबंधित है, जो बिहार में एक अत्यंत वंचित समुदाय है। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर थी, लेकिन उनकी अद्वितीय प्रतिभा ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
मांझी ने अपनी पढ़ाई में मेहनत की और अपने अद्वितीय संघर्ष से उन्होंने मगध विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। राजनीतिक जीवन में उनका पहला कदम राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में था, जहां उन्होंने सामाजिक न्याय, श्रम, कल्याण, लघु सिंचाई और परिवहन जैसे क्षेत्रों में अपनी योगदान से अपना प्रतिष्ठान बनाया।
मांझी का उच्चाधिकार बिहार में 2005 में आया जब उन्हें बिहार विधानसभा के सदस्य चुना गया। उन्होंने बिहार के राजनीतिक विपरीत परिदृश्य में अपनी अनोखी भूमिका निभाई, खासकर अपने समुदाय के लोगों के लिए। उन्होंने उन्हें उनकी प्रारंभिक जीवन में भी सहारा दिया और उनकी समर्थन से राजनीतिक यात्रा शुरू की।
मांझी का विशेष महत्व इसलिए था क्योंकि उन्होंने दलित समाज के लोगों को एक मजबूत संदेश दिया कि समाज में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके राजनीतिक करियर में कई चुनौतियां रहीं, लेकिन उन्होंने अपनी अद्वितीयता और सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से हर बार उन्हें पार किया।
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FAQ’s
Q.जीतन राम मांझी कौन हैं?
Ans.जीतन राम मांझी एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने भारतीय राज्य बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है।
Q.जीतन राम मांझी का जन्म कब हुआ था?
Ans.जीतन राम मांझी का जन्म 6 अक्टूबर 1944 को हुआ था।
Q.जीतन राम मांझी किस राजनीतिक दल से हैं?
Ans.जीतन राम मांझी अपने पूरे करियर में कई राजनीतिक दलों से जुड़े रहे हैं, जिनमें जनता दल (यूनाइटेड) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) शामिल हैं।
Q.जीतन राम मांझी को लेकर कुछ आलोचनाएँ या विवाद क्या हैं?
Ans.कई राजनेताओं की तरह, जीतन राम मांझी को शासन, प्रशासन और पार्टी राजनीति सहित विभिन्न मुद्दों पर राजनीतिक विरोधियों और नागरिक समाज समूहों की आलोचना का सामना करना पड़ा है।