Rajasthan Reservation: राजस्थान की महिलाओं को सशक्त करने और उनके विकास के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा प्रतिबद्ध है।प्रदेश की महिलाओं के विकास के राज्य सरकार ने महिलाओं को सौगात देते हुए आने वाले दिनों में होने वाली तृतीया श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है। राजस्थान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने अपने संकल्प-पत्र में जो वादे किए थे उनमें से एक महत्वपूर्ण वादे को पूरा किया है।मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिलाओं के लिए रिजर्वेशन की सीमा को 30 फीसदी से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करते हुए राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उल्लेखनिय है कि राजस्थान पंचायती राज अधिनियम में महिलाओं के लिए संशोधन को मंजूरी मिलने से यह सुनिश्चित होता है कि महिलाओं को सरकारी नौकरी में अधिक अवसर मिलेंगे। मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार ने अपने कार्यकाल के शुरुआती महीनों में ही इस मामले पर कदम उठाया है, जिससे महिलाओं की सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान हो सके। उनके द्वारा किए गए इस प्रकार के संशोधन से, महिलाएं आत्मनिर्भरता की दिशा में अधिक प्रयास कर सकती हैं और समाज में अपनी भूमिका में सुधार ला सकती हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लगभग 27,000 से ज्यादा पद वर्तमान में तृतीय श्रेणी के शिक्षकों के लिए खाली हैं। अब तक महिला अभ्यर्थियों को 30% आरक्षण प्राप्त हो रहा था। आगामी बजट में राज्य सरकार के द्वारा शिक्षक भर्ती के बड़े ऐलान की संभावना है। इस नई भर्ती में महिलाओं को 50% आरक्षण मिलेगा क्योंकि सरकार ने भर्ती प्रक्रिया से पहले ही महिलाओं के लिए 50% आरक्षण प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस बार की भर्ती में बड़ी संख्या में महिलाएं शिक्षिका बनेंगी।
महिलाओं को इस निर्णय से बहुत लाभ होगा। राज्य में मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए इस संवेदनशील निर्णय से महिलाओं को बड़ा समर्थन मिलेगा और सरकार का यह फैसला महिलाओं के सपनों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे यह साबित होगा कि राज्य में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई की ओर प्रगति होगी। इस संकल्प के परिणामस्वरूप, अधिक से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी। उन्हें रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे और वे समाज में अपनी पहचान बनाने में सक्षम होंगी।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हाल ही में रीट परीक्षा को समाप्त करने का संकेत दिया है। रीट पात्रता परीक्षा है, जिसे पास करने के बाद उम्मीदवारों को एक और भर्ती परीक्षा देनी पड़ती है। अब सरकार एक ही परीक्षा का आयोजन करने की योजना बना रही है, जिससे उम्मीदवारों को दो परीक्षाओं की जगह सिर्फ एक परीक्षा में ही उत्तीर्ण होना होगा। इससे उन्हें कम समय में नौकरी का अवसर मिलेगा और वे अपने करियर को तेजी से अग्रसर कर सकेंगे।