Onam 2024 | ओणम : कब और क्यों  मनाया जाता है ओणम त्योहार? क्या कहती है इसकी कहानी? चलिए जानते हैं

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ओणम कब और कहां मनाया जाता है (Onam 2024): हमारे देश में कई त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें से कुछ त्यौहार ऐसे होते हैं, जिन्हें काफी ज्यादा प्रसिद्धि मिली हुई है। जैसे की होली, दीपावली, रक्षाबंधन इत्यादि और कुछ त्यौहार ऐसे हैं, जो फेमस तो है, परंतु उन्हें मनाने वाले लोगों की संख्या कुछ निश्चित राज्यों तक ही लिमिटेड है। जैसे कि ओणम का त्योहार जो कि केरल और तमिलनाडु का प्रमुख त्यौहार होता है और यह हर साल अगस्त-सितंबर के महीने में सेलिब्रेट किया जाता है।

हर साल इस त्यौहार की तारीखों में बदलाव होता रहता है परंतु यह बात भी निश्चित है कि हर साल ओणम को 10 दिनों तक मनाया ही जाता है।  ओणम के दिन लोग अपने घरों को रंग बिरंगी फूलों से सजाते हैं। 2024 में यह त्यौहार 6 सितंबर से 15 सितंबर तक मनाया जाएगा। इस पावन त्यौहार की उमंग और रौनक को देखने के लिए देश-विदेश से लोग केरल और साउथ के अन्य इलाकों में आते हैं। चलिए इस आर्टिकल में ओणम से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करते हैं।

Overview Of Onam 2024

आर्टिकल का नामओणम 2024 
उद्देश्यओणम 2024 की जानकारी देना 
संबंधित त्यौहारओणम 
संबंधित कहानीराजा बलि और वामन अवतार 
भाषा भाषाहिंदी 

ओणम क्या है? (What is Onam)

केरल राज्य का मुख्य त्योहार ओणम सावन के महीने में आने वाला एक ऐसा त्यौहार है जिसकी धूम सबसे ज्यादा साउथ के राज्यों में देखने को मिलती है। यह मुख्य तौर पर हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ त्यौहार है। सावन के महीने में आप जानते ही हैं कि, बरसात अच्छी होती है जिसकी वजह से फसलों की पैदावार भी अच्छी होती है।

यही कारण है कि केरल के लोग राजा बलि और भगवान विष्णु को शुक्रिया देने के लिए ओणम का त्यौहार मनाते हैं। ऐसी भी कहानी है कि, इस दिन राजा बलि स्वर्ग से धरती पर अपने राज्य को देखने आते हैं क्योंकि राजा बलि ही वह व्यक्ति है जिन्होंने अपने तीन वचनों को पालने के लिए अपना सब कुछ निछावर कर दिया था। साउथ के कुछ ग्रंथों को देखने पर यह पता चलता है कि ओणम शब्द एक ऐसा शब्द है जो भगवान के महीने को दर्शाने का काम करता है।

ओणम कब और कहां मनाया जाता है (When is Onam 2024 And Where Is Celebrated)

ओणम का त्योहार साल 2024 में 6 सितंबर को शुरू होगा और यह 15 सितंबर तक चलेगा। इस प्रकार से तकरीबन 10 दिनों तक केरल के लोग इस त्यौहार का आनंद उठाएंगे। यह साउथ इंडिया का प्रमुख त्योहार माना जाता है जिसे विशेष तौर पर केरल राज्य में मनाया जाता है।

मलयालम कैलेंडर पर नजर डाले तो ओणम की स्टार्टिंग चिंगम महीने से होती है जो की मलयालम कैलेंडर का पहला महीना होता है जो अधिकतर अगस्त और सितंबर के बीच में आता है। हर साल केरल में ओणम के मौके पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से केरल राज्य पधारते हैं।

ओणम का त्यौहार क्यों मनाया जाता है (Why is Onam Celebrated)

ओणम त्यौहार को मनाने के पीछे एक लंबी कहानी है, जिसे हम आपको संक्षेप में बता रहे हैं। कहानी के अनुसार राजा बलि असुरों के बहुत ही बड़े प्रतापी राजा थे, जो कई प्रकार के अनुष्ठान करवाते थे जिससे देवताओं को दिक्कत होती थी और इसी प्रकार एक बार किसी अनुष्ठान से देवराज इंद्र को काफी ज्यादा परेशानी हुई और उन्होंने भगवान विष्णु से सहायता की डिमांड की।

बता दे की राजा बली भले ही राक्षस थे, परंतु वह भलाई में विश्वास रखते थे और अपनी प्रजा से बहुत प्यार करते थे। जब विष्णु जी ने देवराज इंद्र की बात सुनी तब उन्होंने यह समझा कि राजा बलि से सामने से युद्ध करना ठीक नहीं है क्योंकि राजा बलि की पावर भी कम नहीं थी। ऐसे में देवराज विष्णु ने वामन रूप धारण किया और राजा बलि के राज्य में पहुंच गए।

राजा बलि के राज्य में पहुंचने के बाद विष्णु भगवान का सामना राजा बलि से हुआ और विष्णु जी ने ब्राह्मण के वेश में राजा बलि से भिक्षा मांगी। इस पर राजा बलि ने कहा कि आपकी जो भी इच्छा होगी, वह पूरी की जाएगी। इसके तुरंत बाद ही वामन अवतार धारण किए हुए भगवान विष्णु जी ने तीन पग जमीन मांगी और राजा बलि के आदेश पर वामन अवतार ने पहले ही पग में पूरी धरती को नाप दिया और दूसरे पग में आकाश को नाप दिया।

इसके पश्चात जब कहीं पैर रखने की जगह नहीं बची तो भगवान विष्णु ने कहा कि अब मैं तीसरा पैर कहां रखू, राजा बलि जो की वचन के बहुत पक्के थे, उन्होंने कहा कि आप तीसरा पैर मेरे सर पर रखिए क्योंकि मैं अपना वचन किसी भी हाल में पूर्ण करूंगा। ऐसा करते ही राजा बलि पाताल लोक में चले गए।

इस प्रकार राजा बलि का वचन पूर्ण हुआ। इस बात से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने राजा बलि को आशीर्वाद दिया कि कलयुग में भी आप अपने राज्य के दर्शन करते आते रहेंगे और आपकी प्रजा आपका दिल खोलकर स्वागत करेगी। तब से लेकर आज तक केरल के लोग राजा बलि के स्वागत में ओणम त्यौहार मनाते हैं।

ओणम का त्यौहार कैसे मनाया जाता है (Onam Celebration)

ओणम का त्योहार लगातार 10 दिनों तक केरल में मनाया जाता है। 10 दिनों तक लोग उत्साह से भरे हुए होते हैं। लोग इस त्यौहार को मनाने के लिए अनेक प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन अपने घरों में बनाते हैं। सबसे ज्यादा लोग मीठी चीजो को बनाते हैं और उसे ग्रहण करते हैं। लोग अपने घर के मुख्य दरवाजे के बाहर तोरण भी लगाते हैं जो की पान के पत्तों का बना हुआ होता है और यदि पान के पत्ते का तोरण उपलब्ध नहीं है, तो ऐसे में लोग प्लास्टिक के तोरण लगाकर अपने घरों को सजाते हैं।

लोग इस त्योहार में राजा बलि का स्वागत करते हैं। उनके स्वागत के लिए लड़कियां विभिन्न प्रकार की डांस प्रतियोगिता में पार्टिसिपेट करती है। वहीं लड़के सड़क पर जानवरों जैसे कपड़े पहन कर आपस में हल्का युद्ध भी करते हैं। लोग अपने घर के बाहर रंगोली भी बनाते हैं।

ओणम 2024 का मुख्य दिन (Main Day of Onam 2024)

राजा बलि जब पाताल लोक में चले गए, तब केरल की प्रजा काफी ज्यादा दुखी हुई, पर जब उन्हें यह पता चला कि भगवान विष्णु जी ने राजा बलि को यह आशीर्वाद दिया है कि, वह इस त्यौहार के मौके पर 10 दिनों तक आपके साथ आकर रह सकते हैं तो केरल की प्रजा काफी ज्यादा प्रसन्न हुई। 

केरल के लोगों का मानना है कि राजा बलि ओणम का त्यौहार आने पर उनके राज्य में अवश्य ही आते हैं। इसलिए लोग उनके स्वागत के लिए पूरी तैयारी पहले ही करके रखते हैं। लोगों का यह भी मानना है कि, राजा बलि के आगमन से फसलों की पैदावार अच्छी होती है।

Conclusion:

Onam 2024 के बारे में आपने इस आर्टिकल में जाना। यदि आपको इस आर्टिकल में कोई चीज समझ में नहीं आ रही है, तो हमारा जो कमेंट बॉक्स नीचे मौजूद है, वहां पर आप अपने सवालों को पूछ सकते हैं, जिसका जवाब हमारी टीम जल्द से जल्द देने की कोशिश करेगी। हमारी वेबसाइट योजना दर्पण पर और भी बहुत सारे इंटरेस्टिंग आर्टिकल कई टॉपिक पर उपलब्ध है, जिन्हें पढ़ना बिल्कुल भी ना भूले। धन्यवाद!

FAQ:

Q.ओणम का धार्मिक महत्व क्या है?

Ans: ओणम का धार्मिक महत्व मुख्य रूप से राजा महाबली और भगवान विष्णु की पूजा से जुड़ा है। इस त्योहार को भगवान विष्णु के वामन अवतार की कथा के संदर्भ में मनाया जाता है और इसे भक्तिपूर्ण हृदय से मनाया जाता है।

Q: 2024 में ओणम का त्यौहार कब है?

Ans: 6 सितंबर से 15 सितंबर तक 2024 में ओणम का त्यौहार है।

Q.ओणम को कैसे मनाया जाता है?

Ans: ओणम को मनाने का तरीका काफी विविधतापूर्ण है। लोग घरों को सजाते हैं, मंदिरों में पूजा करते हैं, पारंपरिक खेल और नृत्य में भाग लेते हैं, और परिवार के साथ मिलकर ओणम साद्या का आनंद लेते हैं। ओणम के दौरान, मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों पर भी विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

Q.ओणम कितने दिन तक मनाया जाता है?

Ans: ओणम का उत्सव दस दिन तक चलता है, और इसका सबसे महत्वपूर्ण दिन थिरुवोनम (जो दसवें दिन आता है) होता है। यह दिन पूरे त्योहार का चरम होता है और इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

Q. ओणम की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?

Ans: ओणम के दौरान, केरल के लोग घरों को फूलों के रंगोलियों (पुक्कलम) से सजाते हैं, पारंपरिक वेशभूषा पहनते हैं, और खास तरह के भोज (ओणम साद्या) का आयोजन करते हैं। इसके अलावा, नौका दौड़ (वल्लम कली), काठकली नृत्य, और ओणम के समय खेलकूद के आयोजन भी इस त्योहार का हिस्सा हैं।

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