स्वतंत्रता दिवस पर पोयम हिंदी में (Poem On Independence Day in Hindi): इंडियन हिस्ट्री में वैसे तो कई तारीखे महत्वपूर्ण इतिहास के साथ जुड़ी हुई है, परंतु 15 अगस्त की तारीख का इतिहास बिल्कुल अलग ही है। इंडिया को 200 साल के अंग्रेजों की कैद से 15 अगस्त 1947 में ही आजादी मिली थी। इस आजादी को पाने के लिए लाखों की संख्या में लोगों ने अपना बलिदान दिया था, साथ ही लाखों की संख्या में अंग्रेजों के भी प्राण लिए थे। 15 अगस्त को हर साल देश में धूमधाम के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है, जिसे की इंडिपेंडेंस डे भी कहा जाता है। 15 अगस्त के अवसर पर इंडिया के लगभग सभी गवर्नमेंट और प्राइवेट स्कूलो में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
इस मौके पर बड़ी बेसब्री के साथ क्लास 1 से लेकर 12वीं क्लास तक के सभी बच्चे विद्यालय के कार्यक्रम में भाग लेते हैं और सबसे पहले तिरंगा झंडा फहराकर राष्ट्रगान करते हैं और उसके बाद विद्यार्थी देशभक्ति गीत गाकर डांस करके और कविता सुनाकर पूरे जोश के साथ स्वतंत्रता दिवस का त्यौहार मानते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ बेहतरीन Poem On Independence Day in Hindi प्रदान कर रहे हैं, जिनका गायन 15 अगस्त के मौके पर किया जा सकता है।
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Overview Of Poem On Independence Day In Hindi
आर्टिकल का नाम | इंडिपेंडेंस डे पोयम इन हिंदी |
उद्देश्य | 15 अगस्त कविता प्रदान करना |
देश | भारत |
संबंधित दिन | 15 अगस्त |
भाषा | हिंदी |
इंडिपेंडेंस डे पोयम हिंदी में ( Poetry On Independence Day In Hindi)
1: प्यारा प्यारा मेरा देश,
सबसे न्यारा मेरा देश।
दुनिया जिस पर गर्व करे,
वो जगमग सितारा मेरा देश।
गंगा जमुना की माला का,
फूलों वाला मेरा देश।
अंतरिक्ष में ऊंचा जाता मेरा देश,
प्यारा प्यारा मेरा देश।
इतिहास में बढ़ चढ़ कर,
नाम लिखाए मेरा देश।
नित नए चेहरों में,
मुस्कानें लाता मेरा देश।।
2: उठो, धरा के अमर सपूतों।
पुन: नया निर्माण करो।
जन-जन के जीवन में
फिर से नव स्फूर्ति, नव प्राण भरो।
नई प्रात है नई बात है
नई किरन है, ज्योति नई।
नई उमंगें, नई तरंगें
नई आस है, सांस नई।
युग-युग के मुरझे सुमनों में
नई-नई मुस्कान भरो।
उठो, धरा के अमर सपूतों।
पुन: नया निर्माण करो।।
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स्वतंत्रता पर कविता हिंदी में (Poem On Independence In Hindi)
1: आया पंद्रह अगस्त स्कूल को सब बच्चे गए
हिस्सा बनना है इस पर्व का
उन्होंने पहनकर कपड़े नए
बोले, मां मुझे दिला दो अब तिरंगे नए।।
स्कूल के मंच से देगा भाषण कोई
झांसी, हज़रत, टेरेसा बनेगा कोई
कोई कविता करेगा कोई नृत्य भी
देशभक्ति की बातें करेगा कोई
इक तिरंगे के नीचे सभी झूमेंगे
गीत गाऊंगा जब मैं वतन के लिए
मुझको भी हिस्सा बनना है इस पर्व का
मां मुझे बस दिला दो तिरंगे नए
गांधी नेहरू भगत सिंह है बनना मुझे
वीर अब्दुल हमीद भी है बनना मुझे
जान अपनी जो हंसते हुए दे गए
उन शहीदों के जैसे है मरना मुझे
जान मेरी महज़ एक काफ़ी नहीं
हर जनम हो मेरा इस वतन के लिए
मुझको भी हिस्सा बनना है इस पर्व का
मां मुझे बस दिला दो तिरंगे नए
2: हम नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे,
आजादी का मतलब नहीं है समझते।
इस दिन पर स्कूल में तिरंगा है फहराते,
गाकर अपना राष्ट्रगान फिर हम,
तिरंगे का सम्मान है करते,
कुछ देशभक्ति की झांकियों से
दर्शकों को मोहित है करते
हम नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे,
आजादी का अर्थ सिर्फ यही है समझते।
वक्ता अपने भाषणों में,
न जाने क्या-क्या है कहते,
उनके अन्तिम शब्दों पर,
बस हम तो ताली है बजाते।
हम नन्हें-मुन्ने है बच्चे,
आजादी का अर्थ सिर्फ इतना ही है समझते।
विद्यालय में सभा की समाप्ति पर,
गुलदाना है बाँटा जाता,
भारत माता की जय के साथ,
स्कूल का अवकाश है हो जाता,
शिक्षकों के डाँट का डर,
इस दिन न हमको है सताता,
हम नन्हें-मुन्ने है बच्चे,
आजादी का अर्थ सिर्फ इतना ही है समझते।
छुट्टी के बाद पतंगबाजी का,
लुफ्त बहुत ही है आता,
हम नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे,
बस इतना ही है समझते,
आजादी के अवसर पर हम,
खुल कर बहुत ही मस्ती है करते।।
……भारत माता की जय।
स्वतंत्रता दिवस पर पोयम हिंदी में (Poem On Independence Day In Hindi)
1: आज़ादी का आया है पहला जन्म-दिवस,
उत्साह उमंगों पर पाला-सा रहा बरस,
यह उस बच्चे की सालगिरह-सी लगती है
जिसकी मां उसको जन्मदान करते ही बस
कर गई देह का मोह छोड़ स्वर्गप्रयाण
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान
किस को बापू की नहीं आ रही आज याद
किसके मन में है आज नहीं जागा विषाद
जिसके सबसे ज्यादा श्रम यत्नों से आई
आजादी उसको ही खा बैठा है प्रमाद
जिसके शिकार हैं दोनों हिन्दू-मुसलमान
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान
कैसे हम उन लाखों को सकते है बिसार
पुश्तहा-पुश्त की धरती को कर नमस्कार
जो चले काफ़िलों में मीलों के, लिए आस
कोई उनको अपनाएगा बाहें पसार
जो भटक रहे अब भी सहते मानापमान
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान
कश्मीर और हैदराबाद का जन-समाज
आज़ादी की कीमत देने में लगा आज
है एक व्यक्ति भी जब तक भारत में गुलाम
अपनी स्वतंत्रता का है हमको व्यर्थ नाज़
स्वाधीन राष्ट्र के देने हैं हमको प्रमाण
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान
है आज उचित उन वीरों का करना सुमिरन
जिनके आँसू, जिनके लोहू, जिनके श्रमकण
से हमें मिला है दुनिया में ऐसा अवसर
हम तान सकें सीना, ऊँची रक्खें गर्दन
आज़ाद कंठ से आज़ादी का करें गान
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान
सम्पूर्ण जाति के अन्दर जागे वह विवेक
जो बिखरे हैं, हो जाएं मिलकर पुनः एक
उच्चादर्शों की ओर बढ़ाए चले पांव
पदमर्दित कर नीचे प्रलोभनों को अनेक
हो सकें साधनाओं से ऐसे शक्तिमान
दे सकें संकटापन्न विश्व को अभयदान
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान
2: देश मेरा! जो धरा पर
था प्रखर मार्तण्ड सा।
पर ग्रसित था
गहन कारा में अंधेरे की।
पराश्रित था, विवश था,
काटकर बंधन,
इसे आजाद करने को,
सपूतों ने यहां पर,
प्राण की बाजी लगा दी।
देश की परतंत्रता को, तोड़ने को,
अनगिनत वीरों ने, अपनी,
बलि चढ़ा दी।
आज के ही दिन।
तिमिर की कोख से
झेलकर के क्रांति की
वह प्रसव पीड़ा,
फिर उगा था सूर्य
आजादी का नभ में
फिर मिला था हमें
वापस देश अपना।
आज के दिन!
उन शहीदों को जरा
हम याद कर लें।
दें उन्हें श्रद्धा-सुमन,
कुछ प्रार्थना, फरियाद कर लें।
उन शहीदों को,
जरा हम याद कर लें।
आज का दिन!
गर्व और गौरव भरा है।
आज आजादी का जन्मोत्सव यहां पर।
आज इस स्वर्णिम दिवस पर,
पास आओ।
सब सिमट जाओ!
बनो सब एक!
दो वचन!
हम प्राण देकर भी
बचाएंगे यहां की एकता को,
हम कभी बंटने न देंगे,
देश को, इंसानियत को,
वास्ता है अन्न का, जल का हमें, हम चुकाएंगे
धरा-ऋण प्राण देकर।
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स्वतंत्रता दिवस पर कविता हिंदी में (Kavita On Independence Day)
1: कस ली है कमर अब तो, कुछ करके दिखाएंगे,
आजाद ही हो लेंगे, या सर ही कटा देंगे
हटने के नहीं पीछे, डरकर कभी जुल्मों से
तुम हाथ उठाओगे, हम पैर बढ़ा देंगे
बेशस्त्र नहीं हैं हम, बल है हमें चरख़े का,
चरख़े से ज़मीं को हम, ता चर्ख़ गुंजा देंगे
परवाह नहीं कुछ दम की, ग़म की नहीं, मातम की।
है जान हथेली पर, एक दम में गंवा देंगे
उफ़ तक भी जुबां से हम हरगिज़ न निकालेंगे
तलवार उठाओ तुम, हम सर को झुका देंगे
सीखा है नया हमने लड़ने का यह तरीका
चलवाओ गन मशीनें, हम सीना अड़ा देंगे
दिलवाओ हमें फांसी, ऐलान से कहते हैं
ख़ूं से ही हम शहीदों के, फ़ौज बना देंगे
मुसाफ़िर जो अंडमान के, तूने बनाए, ज़ालिम
आज़ाद ही होने पर, हम उनको बुला लेंगे।
2: इलाही ख़ैर! वो हरदम नई बेदाद करते हैं,
हमें तोहमत लगाते हैं, जो हम फ़रियाद करते हैं
कभी आज़ाद करते हैं, कभी बेदाद करते हैं
मगर इस पर भी हम सौ जी से उनको याद करते हैं
असीराने-क़फ़स से काश, यह सैयाद कह देता
रहो आज़ाद होकर, हम तुम्हें आज़ाद करते हैं
रहा करता है अहले-ग़म को क्या-क्या इंतज़ार इसका
कि देखें वो दिले-नाशाद को कब शाद करते हैं
यह कह-कहकर बसर की, उम्र हमने कै़दे-उल्फ़त में
वो अब आज़ाद करते हैं, वो अब आज़ाद करते हैं।
सितम ऐसा नहीं देखा, जफ़ा ऐसी नहीं देखी,
वो चुप रहने को कहते हैं, जो हम फ़रियाद करते हैं
यह बात अच्छी नहीं होती, यह बात अच्छी नहीं करते
हमें बेकस समझकर आप क्यों बरबाद करते हैं?
कोई बिस्मिल बनाता है, जो मक़तल में हमें ‘बिस्मिल’
तो हम डरकर दबी आवाज़ से फ़रियाद करते हैं।
इंडिपेंडेंस पोयम इन हिंदी (Independence Poem In Hindi)
1: लाल रक्त से धरा नहाई
लाल रक्त से धरा नहाई,
श्वेत नभ पर लालिमा छायी,
आजादी के नव उद्घोष पे,
सबने वीरो की गाथा गायी,
गाँधी, नेहरु, पटेल, सुभाष की,
ध्वनि चारो और है छायी,
भगत, राजगुरु और सुखदेव की
क़ुरबानी से आँखे भर आई,
ऐ भारत माता तुझसे अनोखी
और अद्भुत माँ न हमने पाय,
हमारे रगों में तेरे क़र्ज़ की,
एक एक बूँद समायी
माथे पर है बांधे कफ़न
और तेरी रक्षा की कसम है खायी,
सरहद पे खड़े रहकर
आजादी की रीत निभाई!
2: प्यारा प्यारा मेरा देश,
सबसे न्यारा मेरा देश।
दुनिया जिस पर गर्व करे,
ऐसा सितारा मेरा देश।
चांदी सोना मेरा देश,
सफल सलोना मेरा देश।
गंगा जमुना की माला का,
फूलों वाला मेरा देश।
आगे जाए मेरा देश,
नित नए मुस्काएं मेरा देश।
इतिहासों में बढ़ चढ़ कर,
नाम लिखायें मेरा देश।
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स्वतंत्रता दिवस पर कविता (independence day kavita)
1: मैं पंजाबी, मैं बांग्ला, मैं मराठा, मैं गुजराती
सबने बना ली है अपनी नयी पहचान
शायद न रहा इन्हें अब
“भारत” शब्द का भी भान
खुद को आज भी जकड़ा देख
धर्म प्रांत की बेड़ियों में
भारत यही सोचती यही पूछती होगी
हम सब से
क्या मुझको मिली आजादी?
2: हम नन्हे मुन्हे बच्चे हैं,
दांत हमारे कच्चे हैं,
हम भी सरहद जायेंगे,
सीने पे गोली खायेंगे,
देश की शान बढ़ायेंगे।।
Conclusion:
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FAQ:
Q: इंडिपेंडेंस डे का हिंदी मतलब क्या है?
Ans: इंडिपेंडेंस डे का हिंदी मतलब है स्वतंत्रता दिवस।
Q: भारत कब आजाद हुआ था?
Ans: भारत 15 अगस्त 1947 में आजाद हुआ था।
Q: भारत की आजादी के बाद पहला प्रधानमंत्री कौन बना?
Ans: स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत की आजादी के बाद पहला प्रधानमंत्री बने।
Q: स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस क्या अलग है?
Ans: जी हां! दोनों अलग है।
Q: गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?
Ans: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।