बाबा रामदेव जयंती कब है (Baba Ramdev Jayanti Date 2024): बाबा रामदेव जी का जन्म हिंदू धर्म में हुआ था, पर एक चमत्कार की वजह से मुस्लिम भी इनकी पूजा करते हैं, क्योंकि मुसलमान के पांच पीर, बाबा रामदेव की शक्ति के साथ चलते हैं। मुस्लिम समुदाय इन्हें बाबा रामदेव पीर कहता है और हिंदू समुदाय इन्हें बाबा रामदेव वीर कहता है। इनकी सबसे ज्यादा पूजा राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में होती है।
ऐसी जानकारी है कि बाबा रामदेव जी का जन्म सन 1409 में हुआ था। बाबा रामदेव जी को भगवान विष्णु जी के अवतारों में से एक माना जाता है। इनकी समाधि आपको राजस्थान के रामदेवरा नाम की जगह पर मिलेगी, जहां पर उनकी जयंती पर बहुत ही विशाल मेले का आयोजन होता है। राजस्थानी समुदाय में बाबा रामदेव जी का एक अलग ही स्थान है। राजस्थानी समुदाय का मानना है कि, रामदेव बाबा जी से मांगी गई मन्नत कभी भी अधूरी नहीं रहती है। इस आर्टिकल में हम आपको बाबा रामदेव जी की जयंती और उनके बारे में अन्य जानकारी दे रहे हैं।
Overview Of Baba Ramdev Jayanti Date 2024
आर्टिकल का नाम | बाबा रामदेव जयंती कब है |
उद्देश्य | बाबा रामदेव जयंती की जानकारी देना |
संबंधित लोक देवता | बाबा रामदेव |
संबंधित त्यौहार | रामदेव बाबा जयंती |
भाषा | हिंदी |
बाबा रामदेव जयंती कब है? (When is Baba Ramdev Jayanti?)
रामदेव बाबा राजस्थान के फेमस लोक देवता है। इन्हीं के जन्मदिन के मौके पर रामदेव जयंती मनाई जाती है। साल 2024 की बात करें तो बाबा रामदेव जी की जयंती 13 सितंबर को पड़ रही है, जिसकी तैयारियां अभी से शुरू हो गई है। बाबा रामदेव जी के बारे में कहा जाता है कि उनके पास कई चमत्कारिक शक्तियां मौजूद है जिसके माध्यम से यह अपने भक्तों का कल्याण करते हैं और अपने भक्तों के सभी दुखों को काटने का काम करते हैं।
पूजित शक्ति होने की वजह से उनकी ऊर्जा काफी ज्यादा तीव्र है। बाबा रामदेव जी से मांगी गई मन्नत पूरी होने में ज्यादा समय नहीं लगता है। यही कारण है कि बाबा के भक्तों की संख्या में लगातार इजाफा होता चला जा रहा है।
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बाबा रामदेव जयंती क्यों मनाई जाती है? (Why Is Baba Ramdev Jayanti Celebrated?)
बाबा रामदेव जी ने अपनी शक्तियों के द्वारा अनेक लोगों का भला किया है। भला करने में इन्होंने यह नहीं देखा कि सामने वाला व्यक्ति हिंदू है या मुस्लिम है या फिर अन्य किसी जाति या फिर धर्म अथवा संप्रदाय का है। कई लंगड़ो को बाबा ने चलने की शक्ति दी है, वहीं कई अंधों को आंखें भी दी है।
इसके अलावा जो भी श्रद्धा भाव लेकर बाबा के दरबार में गया, बाबा ने उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी की। यही कारण है कि, जब लोगों की मनोकामनाएं पूरी होने लगी, तो उनमें बाबा के प्रति और भी विश्वास बढ़ने लगा और इस प्रकार से बाबा रामदेव जी की जयंती मनाने की शुरुआत भी हो गई।
रामदेव जयंती कैसे मनाई जाती है? (How is Ramdev Jayanti celebrated)
बाबा रामदेव जी की समाधि राजस्थान के जैसलमेर जिले के पोखरण नगर के रामदेवरा नाम के स्थान पर है। इसी जगह पर रामदेव जयंती के मौके पर भादवा का मेला नाम से एक बड़े मेले का आयोजन होता है, जिसकी शुरुआत जयंती के कुछ दिनों पहले ही हो जाती है और समाप्ति जयंती के दिन होती है। इस मेले में दूर-दूर से विभिन्न जातियों और पंथो के लोग शामिल होने आते हैं और मेले में खरीदारी करते हैं और मेले का आनंद उठाते हैं।
इसके अलावा लोग बाबा रामदेव जी की समाधि पर फूल, मिठाई और घोड़ा अर्पित करते हैं और उनसे मन्नत मांगते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि, बाबा रामदेव जी की समाधि पर हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समुदाय के लोग आते हैं, क्योंकि हिंदू समुदाय बाबा रामदेव को रामदेव वीर के नाम से जानता है और मुस्लिम समुदाय बाबा रामदेव को रामदेव पीर के नाम से जानता है। इस मौके पर जहां जहां भी राजस्थानी लोग हैं, वहां-वहां बाबा रामदेव जी की शोभा यात्रा भी निकाली जाती है। सबसे ज्यादा शोभा यात्रा राजस्थान के पड़ोसी राज्य जैसे कि दिल्ली, गुजरात इत्यादि में निकाली जाती है। बाबा रामदेव के भक्त इन्हें लकड़ी के घोड़े भी अर्पित करते हैं।
बाबा रामदेव जी का मेला कब लगता है? (When Is Baba Ramdev Ji’s Mela)
भाद्रपद महीने में रामदेव जी मंदिर का मेला लगता है। यह मंदिर राजस्थान के जैसलमेर जिले में पोखरण के उत्तर में 12 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद रामदेवरा नाम की जगह पर स्थित है। साल 2024 में बाबा रामदेव जी का मेला उनकी जयंती के कुछ दिनों पहले ही स्टार्ट हो जाएगा। रामदेव जी के मेले में राजस्थान और उत्तरी गुजरात के गांव से बड़ी संख्या में लोग प्रसाद अर्पित करने के लिए आते हैं। लोग पैदल ही रामदेवरा पर बाबा के नाम का झंडा लेकर पहुंचते हैं।
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बाबा रामदेव जी का इतिहास (History Of Baba Ramdev Ji)
इनसे संबंधित कई कहानियां है। एक कहानी के अनुसार एक बार पांच पीर इनकी परीक्षा लेने के लिए इनके घर पर आए और भोजन करने के लिए बैठे, तभी उनमें से एक पीर ने कहा कि वह अपना कटोरा मक्का में भूल आए हैं। ऐसे में बाबा रामदेव ने कहा कि कोई बात नहीं।
मैं अभी आपके कटोरा मंगा देता हूं। इसके अगले ही पल मक्का से पांचो कटोरा पांचो पीर के सामने अपने आप आ गए। इससे पीर काफी ज्यादा प्रसन्न हुए और उन्होंने बाबा रामदेव को वचन दिया कि, वह अब हमेशा उनके साथ रहेंगे। इस प्रकार से इस घटना से मुस्लिम बाबा रामदेव जी को पीर के तहत पूजा करते हैं और हिंदू इन्हें वीर के तहत पूजते हैं।
Conclusion:
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FAQ:
Q: बाबा रामदेव जी को मुस्लिम किस नाम से बुलाते हैं?
Ans: बाबा रामदेव जी को मुस्लिम रामदेव पीर के नाम से बुलाते हैं।
Q: बाबा रामदेव जी को हिंदू किस नाम से बुलाते हैं?
Ans: रामदेव जी को हिंदू रामदेव वीर के नाम से बुलाते हैं।
Q: बाबा रामदेव जी का धर्म क्या था?
Ans: बाबा रामदेव जी हिंदू धर्म के थे।
Q: रामदेव बाबा ने कौन सी जगह पर समाधि ली?
Ans: रामदेव बाबा ने रामदेवरा में समाधि ली।
Q: 2024 में बाबा रामदेव जयंती कब है?
Ans: 2024 में 13 सितंबर को बाबा रामदेव जयंती है।