UP Bhulekh 2024 : उत्तरप्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां रहने वाले लोगों कि तादाद भी ज्यादा है। उत्तरप्रदेश में प्रदेशवासियों कि सहुलियत के लिए जमीन से जुड़ी ज्यादातर सभी कामों को ऑनलाइन कर दिया गया है, जिसके वजह से अब लोग घर बैठे बिना सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाएं अपना काम करा सकते हैं। गौरतलब है कि पहले प्रदेश में लोगों के जमीन से जुड़े कामों के लिए ग्राम लेखपाल के ऑफिस जाना पड़ता था, वहीं अब उत्तरप्रदेश भूलेख पोर्टल आने के बाद से लोग अब ऑनलाइन ही अपने सभी कामों को कर सकते हैं।
यूपी पोर्टल द्वारा वैसे तो कई तरह कि सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। आज के लेख में हम आपको भूखण्ड\गाटे के वादग्रस्त सेटेटस के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। अगर भूखण्ड\गाटे के वादग्रस्त स्थिति क्या होती है, भूखण्ड-गाटे के वादग्रस्त स्थिति में क्या करना चाहिए,आपका भूखंड वादग्रस्त है या नहीं आदि। अगर आप भूखण्ड\गाटे के वादग्रस्त स्थिति से जुड़ी पूरी जानकारी पाना चाहतें है तो हमारे लेख को आखिर तक जरुर पढ़े।
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भूखण्ड/गाटे की वादग्रस्त स्थिति क्या होता है?
भूखण्ड या गाटे की वादग्रस्त स्थिति उस स्थिति को कहते है जब किसी खेत, जमीन, या किसी अन्य प्रॉपर्टी का कब्जा या उपयोग अनधिकृत रूप से किया जाता है। कई बार बिना किसी अनुमति के प्रॉपर्टी पर अनधिकृत कब्जा कर लिया जाता है। यह अनुशासनिक या कानूनी समस्या होती है और इसका समाधान सामाजिक, कानूनी, या अन्य विधियों के माध्यम से होता है। इससे लोगों की संपत्ति या जमीन का स्वाधिकार उनसे अवैध रूप से छीना जाता है, जिससे उन्हें नुकसान होता है।
क्या करें जब भूखण्ड/गाटे की वादग्रस्त हो जाएं ?
भूखण्ड या गाटे की वादग्रस्त होने पर निम्नलिखित कदम उठाएं:
- स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करें: तुरंत स्थानीय पुलिस अथवा नगर अथवा गाँव प्रशासन से संपर्क करें और घटना की रिपोर्ट दर्ज करें।
- कानूनी सलाह लें: किसी स्थानीय कानूनी विशेषज्ञ से सलाह लें और अपने हक की रक्षा के लिए आगे की कार्रवाई के लिए उनसे मदद लें।
- संघर्ष करें: संभव हो, आप अपने हक की रक्षा के लिए न्यायालय में मुकदमा दायर कर सकते हैं। इसके लिए किसी क्षेत्रीय न्यायालय में पैरवी करें और कानूनी तरीके से अपने मामले को हल करने की कोशिश करें।
- संघर्ष समिति बनाएं: अगर आपके साथ अन्य लोग भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं, तो एक संघर्ष समिति बनाएं और एकजुट होकर इस मुद्दे का समाधान खोजें।
- मीडिया को संलग्न करें: अगर आपका मुद्दा सार्वजनिक है, तो मीडिया को भी संलग्न करें। इससे आपके मुद्दे की लोकप्रियता बढ़ेगी और दबाव बनेगा।
ध्यान दें कि कोई भी कदम उठाने से पहले सही तरीके से कानूनी सलाह लें और उचित दिशा निर्देश में चलें।
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क्या है उत्तर प्रदेश में भूखण्ड/गाटे की वादग्रस्त स्थिति जानने की प्रक्रिया
कई बार प्रदेश में लोगों की जमीन पर वाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, ऐसे में लोग अपने जमीन पर चल रहे वाद की स्थिति को देखना चाहते हैं,पर उसकी प्रक्रिया नहीं पता होने के कारण देख नहीं पाते है, तो इस पॉइन्ट के जरिए हम आपके समक्ष प्रक्रिया पेश कर रहे है जिससे आप वादग्रस्त स्थिति देख सकते हैं, जिसके लिए आपको नीचे दिए गए पॉइन्ट्स का का पालन करना होगा-
- आपको सबसे पहले यूपी भूलेख के ऑफिशियल पोर्टल (https://upbhulekh.gov.in/) पर विजिट करना होगा।
- इसके बाद आपकी स्क्रीन पर नागरिक होमपेज खुल जाएगा।होमपेज पर दिए गए विकल्प “भूखण्ड/गाटे के वाद ग्रस्त होने की स्थिति जाने” पर क्लिक करना होगा।
- क्लिक करने के बाद अब आपकी स्क्रीन पर नया पेज खुल जाएगा।इस नए पेज पर आप अपने जिले, तहसील, और गांव का चुनाव करना होगा।
- अब आपको उस गाटा संख्या / भूखंड संख्या को दर्ज करना होगा, जिसके वाद की स्थिति आप देखना चाह रहे हैं।
- गाटा संख्या / भूखंड संख्या दर्ज करने के बाद आपको “गाटा प्रस्थिति” पर क्लिक करना होगा।
- अब आपको “राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली” के पोर्टल पर भेज दिया जाएगा।
अगर आपका गाटा वादग्रस्त होगा, तो नीचे आप अपने गाटे के वादग्रस्त होने की स्थिति आप देख पाएंगे।
RCCMS UP पोर्टल के कैसे जान सकते है भूखण्ड/गाटे की वादग्रस्त स्थिति, जानें पूरी प्रक्रिया
अगर आपके पास कंप्यूटरीकृत वाद संख्या है तो आप RCCMS पोर्टल यूपी के जरिए भी अपने गाटे के वादग्रस्त होने की स्थिति देख सकते हैं, इसके लिए आपको नीचे दिए गए स्टेप्स का पालन करना होगा-
- आपको सबसे पहले RCCMS “राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली पोर्टल” पर विजिट करना होगा।
- अब आपकी स्क्रीन पर पोर्टल का होमपेज खुल जाएगा।होमपेज पर मौजूद “वाद खोज विधि” अनुभाग में “कंप्यूटरीकृत वाद सं०” विकल्प पर आपको क्लिक करना होगा।
हम आपको बता दें कि अगर आपके पास आपकी वाद संख्या नहीं है, तो आप “भूखण्ड / गाटे के वादग्रस्त होने की स्थिति जाने” विकल्प पर क्लिक कर सकते है, और जनपद, तहसील, गांव का नाम और गाटा संख्या सबमिट करके अपने गाटा की स्थिति का पता लगा सकते हैं। अब आपके सामने आपके भूखंड के वादग्रस्त होने की स्थिति आ जाएगी।
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Conclusion:
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया ये लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपको हमारे लेख से जुड़े किसी भी प्रकार के प्रश्न है या फिर आप किसी तरह का सुझाव हमे देना चाहते है, तो आप कॉमेंट बॉक्स में अपना सवाल या सुझाव जरुर दर्ज करें। हमारी कोशिश रहेगी कि आपके सभी सवालों के जवाब जल्द दे सकें। आगे ऐसे और लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://yojanadarpan.in/ पर रोज़ाना विज़िट करें।
FAQ’s:
Q. भूखण्ड/गाटे की वादग्रस्त स्थिति के क्या नुकसान हो सकते हैं ?
Ans. भूखण्ड/गाटे की वादग्रस्त स्थिति में लोगों को अपनी संपत्ति का अपना स्वाधिकार नहीं मिल पाता, जिससे उन्हें आर्थिक हानि होती है।
Q. भूखण्ड/गाटे संख्या क्या होती है
Ans. भूखण्ड या गाटे की संख्या वह अंक होता है जो एक खेत, जमीन, या प्रॉपर्टी को पहचानने या अंकित करने के लिए प्रयुक्त होता है। इससे व्यवस्थित रूप से प्रॉपर्टी को पहचाना जा सकता है और किसी भी कानूनी या अन्य प्रशासनिक प्रक्रिया के दौरान इसका उपयोग किया जा सकता है।
Q. खसरा और खतौनी क्या होता है?
Ans. खसरा और खतौनी दोनों ही जमीन का पंजीकरण के एक तरीकों हैं। खसरा, जमीन का विवरणीकरण होता है, जबकि खतौनी किसानों के नाम पर जमीन का कानूनी प्रमाणपत्र होता है, जो उनके संपत्ति होने का सबूत देता है।