हरतालिका तीज कब है (Hartalika Teej 2024): हरतालिका तीज की सबसे ज्यादा खुशी विवाहित महिलाओं और कुवारी कन्याओं में देखी जाती है, क्योंकि हरतालिका तीज में व्रत रखा जाता है और सबसे ज्यादा व्रत शादीशुदा महिलाएं और कुंवारी लड़कियों के द्वारा ही रखा जाता है। यह व्रत इसलिए रखा जाता है ताकि माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ उनकी मनोकामना को पूरी करें। ऐसी लड़कियां जिनकी शादी नहीं हुई है वह अच्छे पति को प्राप्त करने की कामना से हरतालिका तीज का व्रत पूरे श्रद्धा भाव से रखती है जिससे उनकी मनोकामना पूर्ण होती है।
वहीं दूसरी तरफ सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए और पति की सभी तकलीफों का खात्मा करने के लिए इस व्रत को रखती है और हरतालिका तीज त्यौहार मनाती है। मुख्य तौर पर इस त्यौहार को भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती जी के शादीशुदा बंधन को सम्मान देने के लिए सेलिब्रेट किया जाता है। आप इस पेज पर आज हरतालिका तीज के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगी।
Overview Of Hartalika Teej 2024 Date
आर्टिकल का नाम | हरतालिका तीज 2024 |
उद्देश्य | 2024 हरतालिका तीज की जानकारी देना |
संबंधित त्यौहार | हरतालिका तीज |
संबंधित धर्म | हिंदू धर्म |
संबंधित तारीख | 6 सितंबर 2024 |
भाषा | हिंदी |
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हरतालिका तीज कब है (Hartalika Teej kab Hai)
आपकी जानकारी के लिए बताना चाहते हैं कि कजरी तीज और हरतालिका तीज यह 2 ऐसे प्रमुख तीज है जो सावन और भादव के महीने में आती है। इनमें से हरितालिका तीज का व्रत भाद्रपद शुक्ल तृतीया को महिलाओं और कन्याओं के द्वारा रखा जाता है। इस बार अर्थात साल 2024 में हरितालिका तीज का त्यौहार सितंबर के महीने में 6 तारीख को पड़ रहा है। इस दिन शुक्रवार का दिन है। हरितालिका तीज का व्रत एक कठिन व्रत माना जाता है जिसे महिलाएं निर्जला रहकर करती है। इस व्रत में महिलाओं के द्वारा जागरण भी किया जाता है। निर्जला व्रत का मतलब होता है ऐसा व्रत जिसमें दिन भर में पानी भी नहीं पिया जाता है।
हरितालिका तीज के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं।
- ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:30 से 05:16 तक।
- प्रातः सन्ध्या: प्रात: 04:53 ए एम से 06:02 तक।
- अभिजित मुहूर्त: प्रात: 11:54 से दोपहर 12:44 तक।
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:25 से 03:15 तक।
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:36 से 06:59 तक।
- सायाह्न सन्ध्या: शाम 06:36 से 07:45 तक।
- निशिता मुहूर्त: रात्रि 11:56 से 12:42 (7 सितम्बर) तक।
- रवि योग: सुबह 09:25 से अगले दिन सुबह 06:02 तक।
हरतालिका तीज महत्व (Hartalika Teej Significance)
मुख्य तौर पर हिंदू धर्म की महिलाएं और कन्याएं द्वारा हरितालिका तीज का त्यौहार मनाया जाता है। महिलाएं इस त्यौहार को इसलिए मनाती है, ताकि उनके पति की उम्र लंबी हो और उनके पति पर कोई भी विपदा ना आए और वह जीवन में अच्छी सामाजिक और आर्थिक उन्नति करें।
वही कुंवारी कन्याएं इस व्रत को इसलिए मनाती है ताकि उन्हें विवाह के लिए एक अच्छा सा वर प्राप्त हो सके। इसके साथ माता-पिता की सहमति से विवाह करके वह अपनी आगे की जिंदगी हंसी खुशी व्यतीत करें। बहुत सी विवाहित महिलाएं इस व्रत को अपने पति के साथ अपने वैवाहिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए भी रखती है। हरितालिका तीज में महिलाएं और लड़कियां गौरा देवी की पूजा करती है। इस व्रत में भगवान शंकर की भी पूजा की जाती है।
हरतालिका तीज पर क्या करें (What To Do On Hartalika Teej)
- इस दिन सुबह उठकर साफ और ताजे पानी से स्नान कर लेना चाहिए और अच्छे कपड़े पहनना चाहिए।
- हरतालिका तीज पर महिलाओं को चमकीले कलर के कपड़े पहनना चाहिए और यदि गहने उपलब्ध है तो उन्हें भी अपने शरीर पर धारण करना चाहिए और सोलह सिंगार करना चाहिए।
- इस दिन व्रत रखने वाली महिला या कन्या को साफ जगह पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाना चाहिए और उस पर शिव परिवार की मूर्ति को स्थापित करना चाहिए। अगर मूर्ति नहीं है तो फोटो से भी काम चला सकते हैं।
- आप अपने हाथ से भी भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती जी की मिट्टी की मूर्ति बनाकर उनकी स्थापना कर सकती हैं।
- इस दिन आप भगवान को जो भी प्रसाद अर्पित करें, वह स्वच्छ होने चाहिए।
- प्रसाद में हलवा, खीर या कोई दूसरी मीठी मिठाई आप अर्पित कर सकते हैं।
- माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ को आपको सफेद रंग के फूल चढ़ाने चाहिए और लाल कुमकुम चढ़ाना चाहिए।
- इस दिन आप माता पार्वती का नाम लेकर उन्हें सोलह सिंगार अर्पित कर सकती हैं।
- इस दिन आपको हरतालिका तीज की कथा और आरती का पाठ करना चाहिए।
- पूजा कंप्लीट होने के बाद फैमिली के सभी मेंबर को प्रसाद का वितरण करना चाहिए और घर के जो लोग आपसे बड़े हैं, उनका पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए।
- रात को 9:00 के आसपास आपको फलाहार करना चाहिए। फलाहार में आप सेब, केला, अनार, मोसंबी इत्यादि चीज खा सकती हैं।
- इस दिन अधिकतर महिलाएं हरे रंग की साड़ी पहनती है। हालांकि लाल रंग की साड़ी को भी पहना जा सकता है।
हरतालिका तीज क्या न करें (What Not To Do On Hartalika Teej)
- हरतालिका तीज पर यदि आपके द्वारा फास्ट अर्थात व्रत रखा गया है तो व्रत खोलने के लिए आपको किसी भी प्रकार की तामसिक अर्थात मांसाहारी चीजों का इस्तेमाल नहीं करना है। आपको सिर्फ शाकाहारी चीजों का ही सेवन करना है।
- कई जगह पर इस बात का उल्लेख है कि हरतालिका तीज पर काले, नीले रंग के कपड़े महिलाओं को नहीं पहनना चाहिए।
- आपको इस दिन रात को सोने से बचना चाहिए और जोश के साथ जागरण में भाग लेना चाहिए।
- इस दिन महिलाओं को बच्चों पर क्रोध करने से बचना चाहिए।
- आपको हरतालिका तीज पर घर के बड़े लोगों का बिल्कुल भी अनादर नहीं करना चाहिए।
- यदि कोई महिला प्रेग्नेंट है तो उसे हरतालिका तीज का व्रत नहीं रखना चाहिए।
हरतालिका तीज का व्रत कैसे करना चाहिए (How To Fast On Hartalika Teej)
इस व्रत को जो भी महिला या कन्या मनाती है, वह इस दिन अपनी पसंद के कपड़े पहनती है। हालांकि कपड़ों का रंग अधिकतर लाल या हरा होता है। शादीशुदा महिला इस दिन 16 सिंगार करती हैं और कुवारी कन्याए भी अपने हिसाब से इस दिन सजती है।व्रत रखने वाली महिला या कन्या पैरों में पायल पहनती हैं, माथे पर कुमकुम लगाती है और बिंदी भी लगाती है। हरतालिका तीज पर शाम के समय में शिवलिंग का निर्माण मिट्टी के माध्यम से किया जाता है और उस पर बिल्व पत्र, धतूरा और ताजे फूल रख दिए जाते हैं। कई लोग रेडीमेड शिवलिंग पर यह सब क्रिया करते हैं।
हरतालिका तीज पर शिवलिंग के ऊपर एक छोटी सी माला को भी स्थान दिया जाता है। पूजा के समय सभी लोग इकट्ठा होकर के हरतालिका व्रत कथा का पाठ करते हैं और इसके बाद डांस भी करते हैं और रात में जागरण भी करते हैं। पूजा कंप्लीट होने के बाद आसपास उपस्थित सभी लोगों को हरतालिका तीज के मौके पर चढ़ाया गया प्रसाद भी बांटा जाता है।
पूजा की समाप्ति पर महिलाएं हाथ जोड़कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। वही कुंवारी कन्याएं एक अच्छा सा वर देने की प्रार्थना शिव परिवार से करती है। उपवास खोलने के दौरान कन्याएं और महिलाएं फलाहार करती है, जिसमें साबूदाना की खिचड़ी या फिर चाय और केला, सेब, संतरा या अन्य कोई फल होता है।
हरतालिका तीज पूजा सामग्री (Hartalika Teej Puja Samagri)
- मूर्ति रखने के लिए तांबे की थाली
- लकड़ी का पीड़ा
- लाल या पीला कपड़ा
- छिलके वाला पानी वाला नारियल
- आम के पत्ते
- पानी के साथ एक कलश
- घी
- चिराग
- अगरबत्ती और धूप
- दीपक जलाने के लिए तेल
- रुई की बत्ती
- कपूर
- माता पार्वती और शंकर जी के लिए छिलके वाला दो नारियल
- शिव परिवार के लिए 8 से 10 पान के पत्ते
- 2 से 5 सुपारी
- दक्षिणा के तौर पर कुछ नोट और सिक्के
- लाल गुड़हल के फूल
- दूर्वा घास
- विल्व या बेल के पत्ते
- केले का पत्ता
- धतूरा के फल और फूल
- सफेद मुकुट फूल
- शमी चले गए
- सफ़ेद कपड़े का एक ताज़ा टुकड़ा
- चंदन
- जनेऊ
- फल
- साबुत नारियल उसकी भूसी सहित
- एक भालू
- चंदन
- सभी चीजों को रखने के लिए एक स्टील की थाली
- मेहंदी
- काजल
- सिन्दूर
- बिंदी
- कुमकुम
- चूड़ियाँ
- बिछियां
- कंघा
- आभूषण
- कपड़े
- अन्य सामान
हरतालिका तीज की पूजा विधि ( Hartalika Teej Puja Vidhi)
हरितालिका तीज के अंतर्गत पूजा करने के लिए शिव परिवार की मूर्तियों को आपको तांबे की थाली में स्थापित करना चाहिए और पूजा स्थल को फूलों के माध्यम से अच्छी तरह से आपको सजाना चाहिए। इसके बाद आपको शिव परिवार में शामिल सभी देवी देवताओं का नाम एक बार लेना चाहिए।
हरतालिका तीज की पूजा में भगवान भोलेनाथ को धोती और अंगोछा चढ़ाया जाता है और माता पार्वती को सोलह सिंगार चढ़ाया जाता है। गणेश भगवान को पीले वस्त्र चढ़ाए जाते हैं वही कार्तिकेय भगवान को मोर का पंख चढ़ाया जाता है।
इसके बाद आपको धूपबत्ती या फिर अगरबत्ती जलानी चाहिए और इसे सभी देवी देवताओं को दिखाना चाहिए। इसके बाद आपको प्रसाद समर्पित करना चाहिए और माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ की आरती गाने के बाद गणेश जी की भी आरती करनी चाहिए।
पूजा की समाप्ति पर आपको अपने घर के बड़े लोगों का आशीर्वाद लेना चाहिए और ब्राह्मणों को भी यथाशक्ति दान देना चाहिए। इसके बाद रात में आपको जागरण करना चाहिए और अगली सुबह आरती करने के बाद माता पार्वती को आपको सिंदूर अर्पित करना चाहिए और खीर भी चढ़ाना चाहिए और फिर उसके बाद अपना व्रत खत्म करना चाहिए।
हरतालिका तीज व्रत कथा (Hartalika Teej Vrat Katha)
भगवान महाकाल को पति के तौर पर हासिल करने के लिए माता पार्वती जी ने काफी सालों तक निर्जला उपवास किया। ऐसे में एक दिन माता पार्वती जी के पिता हिमालय के पास नारद जी पहुंचे और उनसे कहा कि भगवान विष्णु आपकी बेटी के तप से प्रसन्न है और उन्होंने आपकी बेटी से विवाह करने का प्रस्ताव भेजा है।
इस पर राजा हिमालय काफी ज्यादा प्रसन्न हुए और उन्होंने नारद जी से कहा कि हमें यह प्रस्ताव स्वीकार है। इसके बाद नारद जी वापस भगवान विष्णु के पास गए और उनसे कहा कि राजा हिमालय ने आपके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। यही बात जब नारद जी ने माता पार्वती से बताई तब माता पार्वती काफी दुखी हुई और उन्होंने कहा कि उन्हें भगवान विष्णु से नहीं बल्कि भगवान शंकर से विवाह करना है।
इसके बाद माता पार्वती ने अपनी सहेलियों से अपने घर से दूर जाकर तप करने के बारे में कहा। इसके बाद सहेलियों की सहायता से माता पार्वती एक जंगल में गुफा में चली गई और भगवान भोलेनाथ को पति के तौर पर पाने के लिए यहीं पर उन्होंने कठोर तप करना स्टार्ट कर दिया। तप करने के लिए माता पार्वती जी ने रेत के शिवलिंग जी की स्थापना की। शिवलिंग की स्थापना जिस दिन हो रही थी, उस दिन हास्य नक्षत्र का भाद्रपद शुक्ल तृतीया दिन था।
पार्वती माता ने इस दिन बिना जल का उपवास भी रखा था और रात में जागरण भी किया था, जिससे भगवान भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हुए और खुश होकर उन्होंने माता पार्वती की मनोकामना पूर्ण होने का वचन दिया। इसके बाद अगले दिन माता पार्वती जी ने व्रत का पारण कर दिया और सभी पूजा के समान को गंगा नदी में विसर्जित कर दिया।
वहीं दूसरी तरफ पार्वती माता के पिता हिमालय इस बात को लेकर परेशान थे कि उन्होंने पार्वती का विवाह विष्णु से करने का वचन भी दे दिया है और वही उनकी बेटी अब घर पर भी नहीं है। ऐसे में पार्वती की खोज में राजा हिमालय जहां पार्वती तप कर रही थी, उस गुफा में पहुंचे। इसके बाद पार्वती जी ने ऐसा करने की सारी कहानी अपने पिता को बताई और कहा कि उन्हें भगवान भोलेनाथ से वरदान प्राप्त हो चुका है।
इसके बाद विष्णु भगवान से राजा हिमालय ने माफी मांगी और उनसे कहा कि मेरी पुत्री पार्वती की इच्छा भगवान भोलेनाथ से विवाह करने की है जिसके बाद विष्णु भगवान ने राजा हिमालय को क्षमा कर दिया और इसके बाद माता पार्वती और भगवान शंकर का धूमधाम से विवाह हुआ।
हरतालिका तीज व्रत कथा PDF Download (Hartalika Teej Vrat katha PDF)
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Conclusion: Hartalika Teej 2024
Hartalika Teej 2024 in Hindi के बारे में आपने इस आर्टिकल में जाना। अगर आपको पोस्ट कंटेंट अच्छा लगा हो तो इस पोस्ट को दूसरे लोगों के साथ शेयर अवश्य करें और यदि कंटेंट के बारे में आप कोई इंक्वायरी करना चाहते हैं तो नीचे दिए हुए कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल करें। हमारी वेबसाइट योजना दर्पण पर आपको अन्य कई इंगेजिंग और इंटरेस्टिंग आर्टिकल मिलेंगे जिन्हें पढ़ना बिल्कुल भी ना भूले। धन्यवाद!
FAQ:
Q. हरतालिका तीज 2024 कब है?
Ans. हरतालिका तीज 2024 में 6 सितंबर को मनाई जाएगी। यह त्योहार विशेष रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है और महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं।
Q. हरतालिका तीज किस महीने में आती है?
Ans.हरतालिका तीज भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती है। यह आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में पड़ती है।
Q. हरतालिका तीज का महत्व क्या है?
Ans.हरतालिका तीज का महत्व सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत बड़ा है। इस दिन महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
Q. हरतालिका तीज के दिन क्या किया जाता है?
Ans.हरतालिका तीज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, शिव-पार्वती की पूजा करती हैं, और रात भर जागरण करती हैं। इस दिन कथा सुनने और व्रत कथा का पाठ करने का भी महत्व है।
Q. हरतालिका तीज का व्रत क्यों रखा जाता है?
Ans.हरतालिका तीज का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के अवसर पर रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से महिलाओं को पति की लंबी उम्र और सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है।
Q. क्या हरतालिका तीज केवल विवाहित महिलाओं के लिए है?
Ans.हरतालिका तीज का व्रत मुख्य रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा रखा जाता है, लेकिन कई अविवाहित लड़कियां भी इस व्रत को रखती हैं, ताकि उन्हें मनपसंद वर प्राप्त हो।
Q. क्या हरतालिका तीज का व्रत खोलने के लिए कोई विशेष समय होता है?
Ans.हरतालिका तीज का व्रत पूरे दिन निर्जला रखा जाता है और इसे अगले दिन सूर्योदय के बाद ही खोला जाता है। इस दिन महिलाएं बिना अन्न और जल ग्रहण किए व्रत करती हैं और अगले दिन ही जल और भोजन ग्रहण करती हैं।
Q. हरतालिका तीज का व्रत करने से कौन-कौन से लाभ होते हैं?
Ans.हरतालिका तीज का व्रत करने से विवाहित महिलाओं को पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। अविवाहित लड़कियों के लिए यह व्रत मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए भी किया जाता है। यह व्रत महिलाओं के आत्मबल और धैर्य को भी बढ़ाता है।
Q. हरतालिका तीज का व्रत कैसे शुरू किया जाता है?
Ans.हरतालिका तीज का व्रत सूर्योदय से पहले स्नान करके और पूजा की सामग्री तैयार करके शुरू किया जाता है। महिलाएं इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और व्रत की शुरुआत होती है। इस व्रत को करने के लिए खास तैयारी की जाती है, जैसे कि पूजा स्थल की सफाई, देवी-देवताओं का आह्वान, और व्रत कथा का पाठ।
Q. क्या हरतालिका तीज का व्रत करने के लिए कोई विशेष वस्त्र पहनने की आवश्यकता होती है?
Ans.हरतालिका तीज के दिन महिलाएं पारंपरिक वस्त्र, जैसे साड़ी या लहंगा पहनती हैं। हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां विशेष रूप से पहनी जाती हैं, क्योंकि हरा रंग समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। साथ ही, महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी भी लगाती हैं और अपने सोलह श्रृंगार करती हैं।
Q. हरतालिका तीज की कथा क्या है और इसका क्या महत्व है?
Ans.हरतालिका तीज की कथा माता पार्वती और भगवान शिव के विवाह से संबंधित है। कथा के अनुसार, माता पार्वती ने कठोर तपस्या और व्रत रखकर भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त किया था। इस कथा का महत्व इसलिए है कि यह व्रत करने वाली महिलाओं को भी अपने पति की दीर्घायु और सुखमय जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
Q. क्या हरतालिका तीज का व्रत तोड़ने के लिए किसी विशेष विधि का पालन करना चाहिए?
Ans.हरतालिका तीज का व्रत तोड़ने के लिए महिलाएं अगले दिन सूर्योदय के बाद विधिपूर्वक जल ग्रहण करती हैं। व्रत तोड़ने के लिए सबसे पहले शिव-पार्वती की आरती की जाती है, फिर प्रसाद के रूप में फल या मिठाई खाकर व्रत समाप्त किया जाता है। कुछ स्थानों पर व्रत तोड़ने के बाद पवित्र जल या गंगाजल से हाथ और मुँह धोने का भी रिवाज है।
Q. क्या हरतालिका तीज के दिन कुछ विशेष प्रकार का भोजन बनाया जाता है?
Ans.हरतालिका तीज के दिन अधिकांश महिलाएं व्रत करती हैं और दिनभर कुछ नहीं खातीं। हालांकि, व्रत समाप्त होने के बाद फलाहार और पारंपरिक मिठाइयों का सेवन किया जाता है। कुछ परिवारों में इस दिन विशेष रूप से सिंगारे के आटे से बनी पकवान, साबूदाना खिचड़ी, और कुट्टू के आटे की पूड़ियां बनाई जाती हैं।
Q. हरतालिका तीज का व्रत कौन-कौन रख सकता है?
Ans.हरतालिका तीज का व्रत मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। हालांकि, अविवाहित लड़कियां भी इस व्रत को अपने मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए रख सकती हैं। इस व्रत को करने के लिए किसी विशेष आयु या अवस्था की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन व्रत के नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।
Q. क्या हरतालिका तीज के दिन कोई विशेष पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है?
Ans. हरतालिका तीज की पूजा के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है, जैसे कि शिवलिंग, माता पार्वती की प्रतिमा, बेलपत्र, धतूरा, अक्षत (चावल), फल, फूल, पंचामृत, दीपक, और सुहाग की सामग्री जैसे चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, आदि। इसके अलावा, पूजा स्थल को स्वच्छ करके और सुगंधित धूप जलाकर पूजा की जाती है।
Q. क्या हरतालिका तीज का व्रत कठिन होता है?
Ans.हरतालिका तीज का व्रत कठिन माना जाता है क्योंकि यह निर्जला व्रत होता है, जिसमें पूरे दिन बिना जल और भोजन ग्रहण किए व्रत रखा जाता है। यह व्रत महिलाओं की आस्था और भक्ति का प्रतीक है, और इसे धैर्य और आत्मसंयम के साथ पूरा करना होता है। हालांकि, इस व्रत को करने से मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति भी बढ़ती है।
Q. हरतालिका तीज का व्रत कितने समय तक रखा जाता है?
Ans.हरतालिका तीज का व्रत सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय तक रखा जाता है। इस दौरान महिलाएं न केवल भोजन और जल का त्याग करती हैं, बल्कि पूरी रात जागरण भी करती हैं। यह व्रत 24 घंटे या उससे अधिक समय तक चल सकता है, और इसे पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ करना आवश्यक है।