गणेश विसर्जन कब (Ganesh Visarjan 2024): गणेश चतुर्थी एक अत्यंत पावन और दिव्य त्योहार है, जिसे हिंदू धर्म के अनुयायी हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। यह पर्व देश के विभिन्न राज्यों में भव्य रूप से मनाया जाता है, और यह भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा पूरे दस दिनों तक की जाती है, जिसके बाद उनका विसर्जन का दिन आता है।गणेश चतुर्थी के दौरान भक्तगण भगवान गणेश की पूजा अलग-अलग रूपों में करते हैं। इस पूजा के अंतिम दिन, जिसे विसर्जन दिवस के रूप में जाना जाता है, भगवान गणेश की मूर्ति को पूजा के बाद विधिपूर्वक जल में विसर्जित किया जाता है। यह विसर्जन श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है, जिससे यह पर्व और भी पवित्र हो जाता है।
विसर्जन के इस महत्वपूर्ण समय में, Ganesh Visarjan 2024 गणेश मूर्ति विसर्जन मुहूर्त पर विशेष ध्यान देना अत्यंत आवश्यक होता है। शास्त्रों के अनुसार, सही मुहूर्त पर ही गणेश मूर्ति का विसर्जन करना शुभ और लाभकारी माना जाता है। आज के हमारे लेख में हम आपको गणेश विसर्जन से जुड़ी जानकारी उपलब्ध करा रहे है जैसे कि गणेश विसर्जन कब है,कैसे होता है,विधि क्या है आदि। अगर आप गणेश विसर्जन से जुड़ी सभी जरुरी जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो हमारे इस लेख को पूरा जरुर पढ़े।
Overview Of Ganesh Visarjan 2024
आर्टिकल का नाम | गणेश विसर्जन 2024 |
उद्देश्य | गणेश विसर्जन 2024 की जानकारी देना |
संबंधित देवता | भगवान गणेश |
विसर्जन की तारीख | 17 सितंबर 2024 |
भाषा | हिंदी |
गणपति विसर्जन कब है (Ganesh Visarjan kab Hai)
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साल 2024 में गणेश चतुर्थी का त्योहार 7 सितंबर को शुरू होगा और इसकी समाप्ति 17 सितंबर को होगी। 17 सितंबर के दिन ही गणेश जी की प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाएगा। 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी भी है और पूर्णिमा भी है। बताना चाहते हैं कि, चतुर्दशी तिथि 16 सितंबर 2024 की दोपहर को 3:10 से शुरू होगी और यह 17 सितंबर को सुबह 11:44 तक रहेगी।
गणपति विसर्जन तिथि एवं शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi 2024 Visarjan Date And Muhurat)
- प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 09:11 AM से 01:47 PM
- अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – 03:19 PM से 04:51 PM
- सायाह्न मुहूर्त (लाभ) – 07:51 PM से 09:19 PM
- रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) – 10:47 PM से 03:12 AM, सितम्बर 18
गणेश प्रतिमा विसर्जन कैसे होता है? (How is Ganesh Idol Immersion Done)
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गणेश पंडाल में गणेश जी की मूर्ति 10 दिन तक के लिए स्थापित की जाती है। इसके बाद इनके विसर्जन का समय आ जाता है। विसर्जन के दिन भगवान गणेश जी की आरती उतारी जाती है और उनकी सही प्रकार से पूजा की जाती है। इसके बाद इन्हें ले जाकर किसी तालाब या समुद्र या फिर बहते हुए पानी में विसर्जित कर दिया जाता है।
घर पर पूजा करने के अलावा विसर्जन करने के स्थल पर मूर्ति को पानी में विसर्जित करने से पहले भी उनकी आरती लोग गाते हैं और इन्हें धूप बत्ती दिखाकर पानी में विसर्जित करते हैं। शहरों में अक्सर आसपास नदी या तालाब नहीं होते हैं। ऐसे में अगर मूर्ति छोटी है तो प्लास्टिक के ड्रम या फिर तगाड़े में पानी भरकर उसमें भी मूर्ति को विसर्जित किया जा सकता है।
गणेश प्रतिमा पूजा विधि (Ganesh Idol Worship Method)
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गणेश चतुर्थी के दिन जब गणेश जी की मूर्ति को स्थापित किया जाता है, तब इस दिन इनकी स्पेशल पूजा होती है। सबसे पहले एक साफ जगह पर लाल कपड़ा बिछाया जाता है और उसके ऊपर उनकी मूर्ति को स्थापित किया जाता है और मूर्ति के सामने गोबर थोड़ी मात्रा में रखा जाता है। किसी किसी जगह पर उनकी मूर्ति के साथ माता लक्ष्मी जी की मूर्ति को भी स्थापित किया जाता है।
मूर्ति के बगल में ही तांबे के लोटे में पानी भर कर रखा जाता है। इनके पंडाल को अक्सर केले के पत्ते के माध्यम से सजाया जाता है और रंग बिरंगी झालरे भी लगाई जाती है। इनकी पूजा कई विधि से की जाती है। सामान्य तौर पर लोग गणेश जी को चरणों में फूल अर्पित करते हैं और इन्हें फूल की माला भी चढ़ाते हैं और धूपबत्ती और अगरबत्ती के माध्यम से उनकी पूजा करते हैं। रोज इन्हें अलग-अलग भोग लगाया जाता है। सबसे ज्यादा इन्हें मोदक का भोग लोग लगाते हैं। रोज गणेश जी को पान के पत्ते भी अर्पित किए जाते हैं। रोजाना सुबह और शाम उनकी आरती होती है और प्रसाद का वितरण होता है।
गणेश विसर्जन विधी (Ganpati Visarjan Vidhi)
गणपति जी की मूर्ति का विसर्जन निर्धारित मुहूर्त के अनुसार ही होता है। मूर्ति का विसर्जन करने के लिए सबसे पहले मूर्ति की पूजा पंडाल में की जाती है और मूर्ति की आरती उतारी जाती है। गणेश जी के स्थापना के दिन जो कलश आपने स्थापित किया हुआ होता है, उसे भी आपको विसर्जित करना होता है।गणेश जी की मूर्ति को पानी में विसर्जित किया जाता है। यह पानी किसी समुद्र या तालाब का हो सकता है या फिर नहर का भी हो सकता है। अगर मूर्ति छोटी है और आसपास नदी तालाब नहीं है, तो किसी ड्रम में साफ पानी भरकर उसमें भी मूर्ति का विसर्जन कर सकते हैं। मूर्ति को पानी में डुबोने से पहले हाथ जोड़कर भगवान गणेश से रिद्धि सिद्धि की कामना करें और अगले साल फिर से अपने घर में या पांडाल में विराजमान होने की इच्छा प्रकट करें।
गणेश पूजा विसर्जन कैसे करें (Ganesh Puja Visarjan kaise karein)
1. स्वच्छता का ध्यान रखें: गणेश जी की पूजा समाप्त होने के बाद, उनके विसर्जन के लिए सबसे पहले स्वच्छता का ध्यान रखें। हर एक क्रिया में पवित्रता और सम्मान का ध्यान रखना अति महत्वपूर्ण है।
2. प्राकृतिक जल स्रोत: सामान्यतः गणेश जी की मूर्ति को नदी या समुद्र में विसर्जित किया जाता है। यह आपके भव्य पूजा का आदर्श तरीका है। यदि आपके पास ऐसा जल स्रोत उपलब्ध हो, तो कृपया इसका उपयोग करें।
3.तालाब का उपयोग: अगर आपके आसपास नदी या समुद्र नहीं है, तो किसी भी समीपवर्ती तालाब का उपयोग किया जा सकता है। यह भी एक पवित्र जल स्रोत माना जाता है और गणेश जी के विसर्जन के लिए उपयुक्त है।
4. घर में विसर्जन: यदि आपके आसपास कोई जल स्रोत उपलब्ध नहीं है, तो आप घर में एक बाल्टी या अन्य साफ पानी की वस्तु में गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन कर सकते हैं।
इस प्रकार, गणेश जी की मूर्ति के विसर्जन में भी श्रद्धा और पवित्रता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। यह पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और आपके समर्पण और भक्तिपूर्वक कार्यों से ही यह पूर्ण होता है।
गणेश विसर्जन में रखें ये सावधानियां (Precautions To Be Taken During Ganesh Immersion)
- गणेश जी की मूर्ति को विसर्जन के लिए ले जाने से पहले घर पर उनकी पूजा करनी चाहिए और विसर्जन स्थल पर भी पानी में डुबोने से पहले मूर्ति की पूजा करनी चाहिए।
- उनकी मूर्ति को विसर्जित करने के लिए बहते हुए पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।
- मूर्ति को पानी में फेंकना नहीं चाहिए बल्कि इसे पानी में डूबाना चाहिए।
- अगर मूर्ति बड़ी है और किसी बड़ी जगह पर मौजूद पानी में आप मूर्ति को विसर्जित कर रहे हैं, तो अपनी सुरक्षा का ध्यान अवश्य रखें।
- मूर्ति को विसर्जित करने के बाद गणेश जी से भूल चूक के लिए क्षमा मांग ले और अगले साल आने का इनविटेशन जरूर दें।
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Conclusion:–Ganesh Visarjan 2024
Ganesh Visarjan 2024 के बारे में आपने इस पोस्ट में जानकारी प्राप्त की। अगर इसके बावजूद भी आपके मन में अभी भी कोई शंका है, तो आप अपनी शंका से रिलेटेड क्वेश्चन नीचे जो कमेंट बॉक्स अवेलेबल है, उसमें पूछ सकते हैं। हमारी टीम आपके सभी सवाल का जवाब देने का प्रयास करेगी। हमारी वेबसाइट Yojanadarpan.in पर और भी बहुत सारे ऐसे कंटेंट मौजूद है, जो आपकी जानकारी में बढ़ोतरी कर सकते हैं। इसलिए उन आर्टिकल को पढ़ना बिल्कुल भी ना भूले। धन्यवाद!
FAQ:
Q.1 गणेश विसर्जन क्या है?
गणेश विसर्जन भगवान गणेश की मूर्ति को जल में प्रवाहित करने की प्रक्रिया है, जो गणेश चतुर्थी के दसवें दिन, अनंत चतुर्दशी के दिन या अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी दिन की जाती है। इसे गणेश महोत्सव का समापन समारोह भी माना जाता है, जहां भक्तजन भगवान गणेश को स्नेहपूर्वक विदाई देते हैं।
Q.2 गणेश विसर्जन का क्या महत्व है?
गणेश विसर्जन का महत्व भगवान गणेश को उनके दिव्य निवास स्थान कैलाश पर्वत पर लौटने का प्रतीकात्मक अर्थ है। यह भक्तों के जीवन में उनकी उपस्थिति, आशीर्वाद और संकटों को दूर करने की प्रक्रिया को दर्शाता है। विसर्जन की प्रक्रिया के माध्यम से भक्त अपने मन और आत्मा को शुद्ध करते हैं, यह विश्वास करते हुए कि भगवान गणेश अगले वर्ष पुनः लौटेंगे।
Q.3 गणेश विसर्जन कैसे किया जाता है?
गणेश विसर्जन की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में की जाती है:
- पूजा और आरती: विसर्जन से पहले, भगवान गणेश की विधिवत पूजा और आरती की जाती है। भक्तजन उनके सामने प्रसाद, फूल, धूप, और दीप जलाकर प्रार्थना करते हैं।
- विसर्जन यात्रा: पूजा के बाद, भगवान गणेश की मूर्ति को एक सजाए गए वाहन पर रखकर जलाशय (तालाब, नदी, झील या समुद्र) की ओर ले जाया जाता है। इस दौरान भक्तजन गणपति बप्पा मोरया के जयकारे लगाते हैं और नृत्य करते हैं।
- मूर्ति विसर्जन: जलाशय के पास पहुंचकर, भक्तजन भगवान गणेश की मूर्ति को प्रेम और श्रद्धा के साथ जल में विसर्जित करते हैं, यह कहते हुए कि वे अगले वर्ष पुनः लौटें।
- विदाई प्रार्थना: विसर्जन के बाद, भक्त भगवान गणेश से अगले वर्ष जल्दी लौटने की प्रार्थना करते हैं और आभार व्यक्त करते हैं।
Q.4 क्या घर पर गणेश विसर्जन किया जा सकता है?
हाँ, घर पर गणेश विसर्जन किया जा सकता है। जो भक्त बड़ी जलाशयों तक नहीं पहुंच सकते, वे घर पर ही बाल्टी या टब में पानी भरकर छोटे गणेश मूर्तियों का विसर्जन कर सकते हैं। बाद में इस पानी को पौधों में डाल दिया जाता है।
Q.5 क्या पर्यावरण-अनुकूल गणेश विसर्जन संभव है?
जी हाँ, पर्यावरण-अनुकूल गणेश विसर्जन संभव है। इसके लिए मिट्टी से बनी गणेश मूर्तियों का उपयोग किया जाता है जो जल में जल्दी घुल जाती हैं और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचातीं। इसके अलावा, विसर्जन के लिए घर पर पानी का उपयोग करना और उसमें बने हुए जल को पौधों में डालना भी एक पर्यावरण-अनुकूल तरीका है।
Q.6 गणेश विसर्जन के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
गणेश विसर्जन के दौरान निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:
- पर्यावरण की सुरक्षा: प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) और रासायनिक रंगों से बनी मूर्तियों का उपयोग न करें, क्योंकि ये पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं।
- सुरक्षा: जलाशय के किनारे विसर्जन के समय सावधानी बरतें और गहरे पानी में न जाएं।
- समूह में रहें: विसर्जन के समय समूह में रहें और बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
Q.7 गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त क्या होता है?
गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त गणेश चतुर्थी के दसवें दिन (अनंत चतुर्दशी) या उसके आसपास के दिनों में होता है। इसे दिन के शुभ समय या शाम के समय में करना बेहतर माना जाता है। विशेष मुहूर्त के लिए ज्योतिषी की सलाह भी ली जा सकती है।
Q.8 क्या विसर्जन के बाद गणेश जी की स्थापना की जाती है?
हाँ, गणेश विसर्जन के बाद अगले वर्ष फिर से गणेश जी की स्थापना की जाती है। यह विश्वास है कि भगवान गणेश अगले वर्ष फिर से अपने भक्तों के बीच लौटते हैं, और उन्हें अपने आशीर्वाद से नवाजते हैं।