धनतेरस की पूजा कैसे करें (Dhanteras Puja Vidhi 2024): धनतेरस का त्योहार हर साल पूरे देश में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है और इसे विशेष रूप से दिवाली के आरंभ के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर देवता और धन्वंतरी भगवान की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में धन-धान्य और समृद्धि आती है।
धनतेरस का धार्मिक महत्व भी गहरा है। ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरी इसी दिन अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। धन्वंतरी भगवान को स्वास्थ्य के देवता माना जाता है, इसलिए इस दिन उनकी पूजा करने से न केवल आर्थिक स्थिति में सुधार आता है, बल्कि घर के सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है। माता लक्ष्मी की पूजा से धन और समृद्धि प्राप्त होती है, जबकि कुबेर देवता की पूजा से धन संचय में वृद्धि होती है। भगवान गणेश, जो शुभता और समृद्धि के प्रतीक हैं, की भी विशेष पूजा इस दिन की जाती है।
धनतेरस के दिन सोने, चांदी या बर्तनों की खरीदारी करने की भी प्रथा है, जिसे शुभ माना जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को साफ-सुथरा रखते हैं और दीप जलाकर माता लक्ष्मी का स्वागत करते हैं। धनतेरस की पूजा विधि में सबसे पहले घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाई जाती है, ताकि देवी लक्ष्मी का स्वागत हो सके। पूजा के समय लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को साफ स्थान पर रखकर पूजा की जाती है। इसके साथ ही धन और समृद्धि के प्रतीक के रूप में कुबेर और धन्वंतरी भगवान की भी पूजा की जाती है। आज के इस लेख में हम आपको धनतेरस पूजा विधि के बारे में चर्चा करेंगे,साथ ही हम आपको पूजा मुहूर्त,पूजा नियम आदि के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
Overview Of Dhanteras Puja Vidhi 2024
आर्टिकल का नाम | Dhanteras Puja Vidhi 2024 |
उद्देश्य | धनतेरस की पूजा विधि बताना |
संबंधित त्यौहार | धनतेरस अथवा धन्वंतरि त्रयोदशी |
संबंधित धर्म | हिंदू धर्म |
संबंधित तारीख | 29 अक्टूबर 2024 |
धनतेरस की पूजा कैसे की जाती है (Dhanteras Puja Vidhi)
आप धनतेरस की पूजा नीचे बताई गई विधि के अनुसार कर सकते हैं।
- धनतेरस के दिन आपको सुबह उठकर घर की अच्छे से सफाई करनी है। घर का सारा कचरा आपको बाहर निकाल देना है। यदि टूटा हुआ कांच या फिर बंद घड़ी है तो उसे भी बाहर निकाल देना है और घर में अच्छे से झाडू लगानी है।
- अब आपको पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लेना है और उसके बाद पीले रंग के या फिर लाल रंग के कपड़े पहन लेने हैं।
- इसके बाद शाम के समय में आपको धूप, दीप, फूल इत्यादि से धनवंतरी देवता की पूजा करनी है।
- इसके साथ ही आपको माता लक्ष्मी जी की पूजा करनी है और गणेश भगवान की भी पूजा करनी है।
- अब आपको सबसे पहले गणेश भगवान की आरती गानी है उसके बाद माता लक्ष्मी जी की और उसके बाद धनवंतरी देवता की आरती गानी है।
- आरती का पाठ करने के बाद आपको रखे गए प्रसाद का वितरण कर देना है।
- इसके बाद आपको अपने घर के मुख्य दरवाजे पर तिल के तेल का दीपक जलाना है और हाथ जोड़कर कुल देवी देवताओं तथा ग्राम देवी देवताओं और प्रमुख देवताओं से अपने घर परिवार की तरक्की की प्रार्थना करनी है।
धनतेरस पूजा विधि (Dhanteras Puja Vidhi 2024)
- धनतेरस के दिन आपको अपने घर के ईशान कोण को साफ कर लेना है और वहां पर लाल कुमकुम से स्वास्तिक का निशान बनाना है। कुमकुम नहीं है तो हल्दी का इस्तेमाल कर सकते हैं और स्वास्तिक के ऊपर चौकी बिछानी है।
- चौकी पर आपको धन्वंतरि जी, लक्ष्मी-गणेश और कुबेर भगवान की फोटो रखनी है या फिर मूर्ति रखनी है।
- अब आपको एक छोटी सी कटोरी में थोड़ा सा चावल रखना है और उस पर एक कलश रखकर उसमें आम के पत्ते लगाकर इसे चौकी के बगल में रख देना है।
- इसके बाद आपको हाथ में गंगाजल लेना है और “ ॐ केशवाय नमः, ॐ नराणाय नमः, ॐ माधवाय नमः मंत्र बोलकर आचमन करना है।
- इसके बाद “ॐ हृषिकेशाय नमः” मंत्र बोलकर आपको अपने अंगूठे से अपना मुंह पोछ लेना है।
- अब “ॐ गोविन्दाय नमः” मंत्र बोलकर आपको हाथ धो लेना है।
- इसके बाद आपको घी का दीपक या फिर तिल के तेल का दीपक जलाना है और इन्हें सभी देवी देवताओं के सामने रखना है।
- इसके बाद आपको गणेश भगवान को स्नान करवाना है और उन्हें वस्त्र पहनाना है तथा उन्हें तिलक लगाना है और प्रसाद अर्पित करना है और हाथ जोड़कर बिना किसी रूकावट के अपने सभी कामों को पूरा करने की प्रार्थना करनी है।
- इसके बाद आपको धनवंतरी और कुबेर जी की पूजा करनी है और इन्हें पंचामृत से स्नान करवाना है और उसके बाद साफ पानी से स्नान करवाना है। इसके बाद कपड़े पहनाने हैं और तिलक लगाना है।
- अब आपको माता लक्ष्मी जी की भी पूजा करनी है। इन्हें भी स्नान करा कर रोली, मोली, चावल अर्पित करना है। अब आपको गणेश जी, लक्ष्मी माता, धनवंतरी और कुबेर जी को मिठाई का भोग लगाना है।
- अब आपको खड़े हो जाना है और सबसे पहले गणपति जी की आरती गाना है, उसके बाद लक्ष्मी माता, उसके बाद कुबेर जी और धन्वंतरि जी की आरती गाना है।
- आरती होने के बाद जो प्रसाद है इसे अन्य भक्तों में वितरित कर देना है।
धनतेरस पूजा विधि मंत्र (Dhanteras Puja Vidhi Mantra)
धनतेरस पर मुख्य तौर पर माता लक्ष्मी, भगवान श्री गणेश, धन्वंतरी भगवान और कुबेर जी की पूजा होती है। ऐसे में इन चारों ही देवताओं के मंत्र नीचे हम प्रदान कर रहे हैं।
- भगवान गणेश का मंत्र: ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा
- माता लक्ष्मी का मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं श्रीं लक्ष्म्यै नम
- धनवंतरी देवता का मंत्र: ॐ धन्वंतरये नमः
- भगवान कुबेर का मंत्र: श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
धनतेरस पूजा मुहूर्त और नियम (Dhanteras Puja Muhurat, Niyam)
साल 2024 में कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की स्टार्टिंग 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 पर होगी और इसकी समाप्ति अगले दिन अर्थात 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 पर होगी। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर 2024 में धनतेरस का त्यौहार 29 अक्टूबर को सेलिब्रेट किया जाएगा। 29 अक्टूबर को धनतेरस की पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम को 6:30 से शुरू होगा और 8:12 तक रहेगा अर्थात 1 घंटा और 44 मिनट के आसपास पूजा करने का शुभ मुहूर्त 2024 में धनतेरस के त्यौहार में भक्तों को मिलेगा।
तिथि | समय | उल्लेख |
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ | 29 अक्टूबर 2024, सुबह 10:31 बजे | त्रयोदशी तिथि की शुरुआत |
त्रयोदशी तिथि समाप्त | 30 अक्टूबर 2024, दोपहर 1:15 बजे | त्रयोदशी तिथि की समाप्ति |
धनतेरस उत्सव | 29 अक्टूबर 2024 | उदया तिथि के अनुसार धनतेरस |
पूजा का शुभ मुहूर्त | 29 अक्टूबर 2024, शाम 6:30 बजे से 8:12 बजे तक | 1 घंटा 44 मिनट का शुभ मुहूर्त |
धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए (Dhanteras Puja Shopping)
धनतेरस पर निम्न चीजों की खरीदारी करनी चाहिए और अधिकतर इन्हीं चीजों की खरीदारी लोग करते भी हैं।
- सोना: देश में हर साल धनतेरस के मौके पर करोड़ों रुपए का सोना खरीदा जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि धनतेरस ही वह दिन होता है जब देश में सबसे ज्यादा सोने की खरीदारी होती है।
- चांदी: यदि आपका बजट सोना खरीदने का नहीं है तो आप इस दिन चांदी या फिर चांदी से बने हुए गहनों की खरीदारी भी कर सकते हैं।
- पीतल के बर्तन: ऐसी मान्यता है कि कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन समुद्र मंथन के दौरान धन्वंतरी भगवान कलश के साथ प्रकट हुए थे। इसलिए धनतेरस के दिन पीतल के बर्तन खरीदने का सुझाव भी दिया जाता है।
- झाड़ू: धनतेरस के दिन यदि आप कुछ भी ना खरीद सके तो कम से कम आपको झाड़ू खरीदनी चाहिए, क्योंकि झाड़ू से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है। देश के ग्रामीण से लेकर शहरी इलाकों तक में इस दिन झाड़ू की डिमांड में काफी ज्यादा उछाल आता है।
- धनिया: इस दिन धनिया खरीदना भी काफी शुभ माना सकता है, जिसका इस्तेमाल प्रसाद में कर सकते हैं।
Conclusion:-Dhanteras Puja Vidhi 2024
Dhanteras Puja Vidhi 2024 की इंर्पोटेंट डीटेल्स पोस्ट में हमने आपके साथ शेयर की। यदि आर्टिकल का कंटेंट अच्छा लगा हो तो इसे दूसरे लोगों के साथ भी शेयर करें। अन्य कॉन्टेंट पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट योजना दर्पण के अन्य पेज को नेविगेट करें। आर्टिकल के बारे में यदि कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स के द्वारा अपना सवाल पूछ ले, जिसका जवाब हम अवश्य देंगे। थैंक्स!
FAQ‘s
1. धनतेरस 2024 की तारीख और समय क्या है?
धनतेरस 2024 में 28 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम के समय, विशेषकर प्रदोष काल के दौरान होता है, जो सूर्यास्त के बाद का समय है। इस समय पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है।
2. धनतेरस पर कौन-कौन सी पूजा की जाती है?
धनतेरस पर मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। इसके अलावा, भगवान कुबेर की पूजा भी की जाती है, जो धन और समृद्धि के देवता माने जाते हैं।
3. धनतेरस पूजा के लिए क्या सामग्रियाँ आवश्यक हैं?
धनतेरस पूजा के लिए निम्नलिखित पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है:
- चावल, फूल, धूप, दीपक
- हल्दी, कुमकुम, चंदन
- मिठाई, फल, पंचामृत
- दीप जलाने के लिए तेल या घी
- नए बर्तन या धातु के सामान (खरीदारी के प्रतीक के रूप में)
4. धनतेरस पर कौन सी पूजा विधि अपनाई जाती है?
- सबसे पहले, घर को साफ-सफाई कर लें और मुख्य दरवाजे पर रंगोली बनाएं।
- फिर एक साफ स्थान पर लक्ष्मी और धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र रखें।
- पूजा की थाली में सभी सामग्रियों को रखें।
- देवी लक्ष्मी का ध्यान करते हुए दीप जलाएं और धूप-दीप अर्पित करें।
- भगवान धन्वंतरि को भी दीपक अर्पित करें और उनकी आराधना करें।
- अंत में, लक्ष्मी मंत्र और धनवंतरि मंत्र का जाप करें।
5. धनतेरस पर क्या खरीदना शुभ माना जाता है?
धनतेरस पर सोना, चांदी, नए बर्तन या धातु के सामान खरीदना अत्यधिक शुभ माना जाता है। इसके अलावा, कुछ लोग इस दिन वाहन या इलेक्ट्रॉनिक्स भी खरीदते हैं। यह माना जाता है कि इस दिन की गई खरीदारी से घर में धन और समृद्धि आती है।
6. धनतेरस पर किस मंत्र का जाप किया जाता है?
धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का जाप किया जा सकता है:
- लक्ष्मी मंत्र: “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”
- धन्वंतरि मंत्र: “ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतरये: अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोग निवारणाय त्रिलोक पथाय त्रिलोक्य नाथाय श्री महाविष्णवे नमः।”
7. क्या धनतेरस पर नया सामान घर लाना अनिवार्य है?
धनतेरस पर नया सामान खरीदना शुभ माना जाता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है। यह केवल समृद्धि का प्रतीक है। यदि आप नए सामान नहीं खरीद सकते, तो घर के पुराने सामान की सफाई कर उन्हें पूजन में उपयोग कर सकते हैं।
8. धनतेरस पर दीप जलाने का क्या महत्व है?
धनतेरस पर दीप जलाना सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक है। इसे दीपावली की तैयारी के रूप में भी देखा जाता है, जहाँ घर के हर कोने को रोशन करने का प्रयास किया जाता है ताकि अंधकार दूर हो और लक्ष्मी जी का वास हो।
9. क्या धनतेरस पर कोई विशेष व्रत रखा जाता है?
धनतेरस पर कोई विशेष व्रत का प्रावधान नहीं है, लेकिन कुछ लोग इस दिन उपवास रखकर पूजा करते हैं ताकि उनका मन शुद्ध रहे और पूजा में ध्यान केंद्रित हो सके। उपवास रखना पूरी तरह से व्यक्तिगत मान्यता पर निर्भर करता है।