गणेश चतुर्थी के रोचक तथ्य (Information About Ganesh Chaturthi in Hindi): सबके प्रिय गजानन की गणेश चतुर्थी 2024 में कुछ ही दिनों के बाद आने वाली है। जानकारी के अनुसार 2024 में 7 सितंबर के दिन गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा।लोग गणेश चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश जी की मूर्तियां अपने घरों में लाकर स्थापित करते हैं और श्रद्धा भाव से उनकी पूजा और सेवा करते हैं।तकरीबन 10 दिनों तक भगवान श्री गणेश जी की पूजा लोगों के द्वारा की जाती है और फिर उसके पश्चात इनका विसर्जन बहते हुए पानी में कर दिया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्यौहार आप भी हर साल मनाते होंगे, पर शायद ही आपको गणेश चतुर्थी से संबंधित कुछ इंटरेस्टिंग बातें पता होगी। यदि आप गणेश चतुर्थी के बारे में रोचक बातें जानना चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े। इस आर्टिकल में आपको गणेश चतुर्थी के बारे में इंटरेस्टिंग बातें जानने को मिलेंगी।
Overview Of Information About Ganesh Chaturthi in Hindi
आर्टिकल का नाम | गणेश चतुर्थी फैक्ट |
उद्देश्य | गणेश चतुर्थी फैक्ट प्रदान करना |
संबंधित त्यौहार | गणेश चतुर्थी |
संबंधित देवता | भगवान श्री गणेश |
भाषा भाषा | हिंदी |
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गणेश चतुर्थी | गणेश चतुर्थी quots | गणेश चतुर्थी शायरी | गणेश चतुर्थी फैक्ट | गणेश चतुर्थी उत्सव | गणेश चतुर्थी पूजन विधि |
1: गणेश जी का प्रिय भोजन (What is The Favourite Food Of Lord Ganesha)
जैसा कि आप जानते हैं कि सभी देवी देवताओं को विभिन्न प्रकार के भोग पसंद है। जैसि कि श्री कृष्ण को चावल की खीर बहुत पसंद है,वहीं वह माखन या मिश्री भी बड़े चाव के साथ ग्रहण करते है। विष्णु भगवान को केले अति प्रिय है तो लक्ष्मी माता को भी खीर बहुत पसंद है।वहीं देवो के देव महादेव को मालपूआ बहुत पसंद है। ऐसे ही गणेश जी की बात करें तो इन्हें सबसे ज्यादा लड्डू और मोदक पसंद है। यही कारण है कि गणेश जी को उनकी पूजा के दौरान अनेक प्रकार के लड्डू का भोग लगाया जाता है। जैसे की बूंदी के लड्डू, सूजी के लड्डू, बेसन के लड्डू इत्यादि।
2: गणपति को एकदंता क्यों कहा जाता है? (Why is Lord Ganesha Called Ekadant।ganesh ji ka Dant kisne Toda Tha
जब महर्षि वेदव्यास ने यह निश्चित किया कि, वह महाभारत ग्रंथ की रचना करेंगे और इसके लिए उन्हें सोचने की गति से लिखने वाले किसी की तलाश है तो ऐसे में भगवान भोलेनाथ ने महर्षि वेदव्यास को गणेश भगवान का सजेशन दिया। इसके बाद महर्षि वेदव्यास जी ने गणेश जी के सामने अपनी बात रखी और गणेश जी ने उनकी बात को स्वीकार कर लिया और महर्षि वेदव्यास को ग्रंथ लिखवाने में सहायता करने लगे।
परंतु ग्रंथ लिखने के दरमियान कलम टूट जाती है और वेदव्यास जी अपनी सोचने की गति से काफी तेजी से बोलते रहते हैं, पर इसी दौरान गणेश जी के द्वारा टूटी कलम को फेंक दिया जाता है और अपना एक दांत तोड़कर उससे आगे का ग्रंथ लिखना शुरू कर दिया जाता है और जब ग्रंथ कंप्लीट होता है, तो भगवान गणेश को अपने इस काम के लिए एकदंत का नाम दिया जाता है।
3: भगवान गणेश को बुद्धि का दाता क्यों कहते हैं (Why is Lord Ganesha Called Wisdom God)
एक दिन गणेश और कार्तिकेय के बीच एक बहुत ही अनोखे फल – ‘ज्ञान का फल’ को लेकर बहस हो गई। चूंकि वे दोनों इसे चाहते थे, इसलिए शिव और पार्वती ने दोनों के सामने एक प्रस्ताव रखा। शिव ने इस फल को पहचान लिया, क्योंकि यह ऐसा फल था जो इसके हकदार व्यक्ति द्वारा खाए जाने पर ज्ञान और अमरता प्रदान करता है। यह चुनने के लिए कि यह फल किसे मिलेगा, एक चुनौती थी जिसे गणेश और कार्तिकेय को पूरा करना था। चुनौती यह थी कि गणेश और कार्तिकेय दोनों को तीन बार दुनिया का चक्कर लगाना था। इस कार्य को पूरा करने वाला और कैलाश पर्वत पर वापस आने वाला पहला व्यक्ति इस फल का मालिक होगा।
कार्तिकेय के पास एक पालतू मोर था, इसलिए वे तुरंत उस पर चढ़ गए और दिए गए कार्य को पूरा करने के लिए तेज़ी से उड़ गए। गणेश के पास एक पालतू चूहा था जो उड़ नहीं सकता था। गणेश ने शिव के प्रस्ताव को ठीक से सुन लिया था और इसलिए उन्होंने शिव और पार्वती के चारों ओर तीन बार चक्कर लगाना शुरू कर दिया। जब शिव ने उनसे पूछा कि वे उनके चारों ओर चक्कर क्यों लगाते हैं, तो गणेश ने उत्तर दिया कि उनके माता-पिता ही उनकी दुनिया हैं। यह सुनकर शिव गणेश की बुद्धिमत्ता से प्रभावित हुए और उन्हें फल का असली मालिक चुन लिया।
4: गणेश भगवान ने कौन से राक्षसों का संहार किया था? (Which Demons Were killed By Lord Ganesha)
गणेश भगवान के द्वारा हर उस राक्षसो का संहार किया गया जो धर्म के विरुद्ध काम करते थे। Information About Ganesh Chaturthi in Hindi इनके द्वारा लोभासुर, क्रोधासुर और गजमुखासुर का संहार किया गया था। इसमें से गजमुखा सूर एक काफी ज्यादा खूंखार राक्षस था जिसने भगवान श्री गणेश के शरण में आने के लिए चूहे का रूप धारण किया था और बाद में हमेशा हमेशा के लिए यह भगवान गणेश का वाहन बन गया क्योंकि भगवान गणेश की सवारी चूहा है, जिसे की संस्कृत में मूषक कहा जाता है।
Conclusion:–Information About Ganesh Chaturthi in Hindi
Ganesh Chaturthi Facts in Hindi के बारे में आपको इस आर्टिकल में इनफार्मेशन हमारे द्वारा प्रदान की गई। अगर अभी भी आपको कोई डाउट है तो आप हमारे कमेंट बॉक्स में अपना सवाल पूछ ले, जिसका जवाब हम देने का प्रयास करेंगे। अन्य रोचक कंटेंट पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट योजना दर्पण को विजिट करते रहे। धन्यवाद!
FAQ:
Q.गणेश चतुर्थी क्या है?
Ans. गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है। यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है, जो सामान्यतः अगस्त या सितंबर में पड़ती है। भगवान गणेश को बाधाओं को दूर करने वाला, बुद्धि, समृद्धि और नई शुरुआत का देवता माना जाता है।
Q.गणेश चतुर्थी का महत्व क्या है?
Ans.गणेश चतुर्थी का धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टिकोण से बहुत महत्व है। इसे भगवान गणेश के स्वागत और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए मनाया जाता है। मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दौरान भगवान गणेश पृथ्वी पर अपने भक्तों के बीच रहते हैं और उनके सभी कष्टों को दूर करते हैं। यह त्योहार समृद्धि, ज्ञान, और खुशहाली का प्रतीक है।
Q.गणेश चतुर्थी कब मनाई जाती है?
Ans.गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार अगस्त या सितंबर में पड़ती है। यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ समाप्त होता है।
Q.गणेश चतुर्थी की पूजा विधि क्या है?
Ans.गणेश चतुर्थी की पूजा में निम्नलिखित विधियाँ शामिल हैं:
- स्थापना: भगवान गणेश की मूर्ति को घर या पंडाल में एक पवित्र स्थान पर स्थापित करें।
- पूजा सामग्री: मोदक, दूर्वा (घास), फल, फूल, नारियल, कुमकुम, हल्दी, और चंदन की आवश्यकता होती है।
- मंत्रों का उच्चारण: भगवान गणेश के मंत्रों और स्तोत्रों का पाठ करें, जैसे ‘गणपति अथर्वशीर्ष’ या ‘गणेश स्तुति’।
- आरती: भगवान गणेश की आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं।
- विसर्जन: दसवें दिन (अनंत चतुर्दशी) को भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन जलाशय में किया जाता है, जो प्रतीकात्मक रूप से भगवान गणेश की विदाई और अगले वर्ष उनके आगमन की प्रार्थना का संकेत है।
Q.गणेश चतुर्थी के दौरान कौन-कौन से भोजन बनाए जाते हैं?
Ans.गणेश चतुर्थी के दौरान भगवान गणेश को उनके प्रिय व्यंजन मोदक का भोग लगाया जाता है। इसके अलावा, पूरन पोली, लड्डू, खीर, और पायसम जैसे मीठे व्यंजन भी बनाए जाते हैं। भक्तगण इन व्यंजनों को भगवान को अर्पित करने के बाद प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।
Q.गणेश चतुर्थी का त्योहार कहां-कहां मनाया जाता है?
Ans.गणेश चतुर्थी मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, और तमिलनाडु में मनाई जाती है। मुंबई और पुणे जैसे शहरों में यह त्योहार विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाता है। इसके अलावा, विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदाय भी गणेश चतुर्थी को उत्साहपूर्वक मनाते हैं।
Q.क्या गणेश चतुर्थी केवल हिंदू ही मना सकते हैं?
Ans.गणेश चतुर्थी का त्योहार सभी के लिए खुला है और इसे कोई भी मना सकता है। यह धार्मिक आयोजन सभी धर्मों और संस्कृतियों के लोगों को एक साथ आने और भगवान गणेश के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने का अवसर प्रदान करता है।