Essay On Teachers Day In Hindi | शिक्षक दिवस पर निबंध: Essay In 100, 300 Words, long Essay in 500 Words In PDF

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay On Teachers Day): जब एक बच्चा इस दुनिया में आता है और थोड़ा बड़ा होता है, तो उसके माता-पिता उसकी शिक्षा की ओर ध्यान देते हैं। वे उसे किसी सरकारी, प्राइवेट, या किसी अन्य शिक्षण संस्थान में दाखिल करवाते हैं, क्योंकि शिक्षा हर व्यक्ति का बुनियादी अधिकार है। हर माता-पिता की यह ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे अच्छे अंकों से पढ़ाई करें और अपने जीवन में एक चमकदार करियर की ओर बढ़ें। लेकिन एक सच्चा और उज्ज्वल करियर तभी संभव है जब बच्चा अपने शिक्षकों की सलाह पर ध्यान दे और उन्हें जो भी ज्ञान दिया जा रहा है, उसे आत्मसात करे।

हमारे देश में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस बड़े श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जाता है। यह दिन खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो गुरु-शिष्य परंपरा को भुला चुके हैं, ताकि उन्हें इसके महत्व और अर्थ की गहरी समझ हो सके। यह दिन सिर्फ शिक्षकों को सम्मानित करने का दिन नहीं है, बल्कि यह उन्हें उनके कर्तव्यों की याद भी दिलाता है। आइए, इस शिक्षक दिवस के मौके पर हम सब मिलकर शिक्षकों की भूमिका और उनके योगदान को सराहें और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें। शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि शिक्षकों का प्यार और मेहनत हमारे जीवन को बेहतर बनाते हैं। आज के इस लेख में हम आपके लिए शिक्षक दिवस पर निबंध लेकर आएं है जो 100 शब्दों से लेकर 1000 शब्दों में है, जिसे आप किसी भी निबंध प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आप यूज कर सकते है।

Overview Of Essay On Teachers Day in Hindi

आर्टिकल का नामशिक्षक दिवस पर निबंध
उद्देश्यटीचर्स डे पर निबंध प्रदान करना
संबंधित दिनशिक्षक दिवस 2024
संबंधित व्यक्तिडॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन
भाषाहिंदी

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5.हिंदी दिवस
6.हिंदी दिवस कविता

शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्दों में (Teachers Day Par Nibandh 100 Words)

शिक्षक दिवस को टीचर्स डे भी कहते हैं, जिसे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जन्म तिथि 5 सितंबर को देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी साल 1888 में तमिलनाडु के तिरूमानी नाम के गांव में पैदा हुए थे। यह एक गरीब परिवार से संबंध रखते थे। इनके पिताजी पंडिताई का काम करते थे और इसी से अपने घर को चलाते थे।

बचपन से ही डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को विभिन्न धार्मिक ग्रंथ पढ़ने का शौक था। अपने खाली समय में यह धार्मिक किताबें को पढ़ते थे और उनकी महत्वपूर्ण बातों को याद रखते थे। इन्होंने स्कॉलरशिप हासिल करके दर्शनशास्त्र में ग्रेजुएशन और उसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की और उसके बाद दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर भी बने। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के स्टडी करवाने का तरीका इतना बेहतरीन था कि इनके क्लास में विद्यार्थियों की संख्या हमेशा फुल रहती थी।

शिक्षक दिवस पर निबंध 300 शब्दों में (Teachers Day Essay In Hindi 300 Words)

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी देश के महान टीचर थे, जिन्होंने बचपन से ही विभिन्न भाषाओं में धार्मिक ग्रंथो और अन्य किताबों का अध्ययन करना शुरू कर दिया था। इनके पिताजी अपने इलाके के जाने-माने पंडित थे। इसलिए बचपन से ही इन्हें आध्यात्मिक के साथ ही साथ दर्शनशास्त्र में काफी ज्यादा इंटरेस्ट था।

इनकी उपलब्धि यह थी कि, इन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों को स्टडी करवाने के लिए भी एक शिक्षक के तौर पर इनवाइट किया गया था पर कुछ साल विदेश में रहने के बाद इनका मन आखिरकार वहां पर अशांत रहने लगा और इन्हें भारत देश की यादें सताने लगी और इस प्रकार यह वापस इंडिया चले आए और उसके बाद इन्होंने बनारस हिंदी यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर के पद पर जॉइनिंग की।

यूनिवर्सिटी में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की काफी अच्छी फैन फॉलोइंग थी। अपनी अच्छी बातचीत की बदौलत यह कम समय में ही विद्यार्थियों के बीच लोकप्रिय वाइस चांसलर के तौर पर प्रसिद्ध हो गए। जब नेहरू जी को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के बारे में पता चला तो उन्होंने इन्हें पॉलिटिक्स ज्वाइन करने के लिए कहा और इस प्रकार इनकी राजनीति में एंट्री हुई और इन्हें पहला काम राजदूत का मिला।

उसके बाद अपने जीवन काल में इन्होंने इंडिया के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के पद को हासिल करने में भी सफलता प्राप्त की, जो इनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का व्यक्तित्व काफी शानदार था और हर कोई इनके विचारों को सुनने के लिए व्याकुल रहता था।

शिक्षक दिवस पर निबंध 500 शब्दों में (Hindi Essay On Teachers Day 500 Words)

शिक्षक दिवस के मौके पर सभी टीचरों का विशेष सम्मान विद्यार्थियों और अन्य वरिष्ठ लोगों के द्वारा किया जाता है। पिछले कई सालों से देश में शिक्षक दिवस को 5 सितंबर को मनाना जारी रखा गया है। इस तारीख पर कई कार्यक्रम स्कूल और कॉलेज तथा अन्य गवर्नमेंट और प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में होते हैं। शिक्षक दिवस न सिर्फ टीचरों के लिए विशेष दिन होता है बल्कि यह दिन विद्यार्थियों के दिल में भी एक अलग ही जगह रखता है, क्योंकि इस दिन विद्यार्थियों को टीचर की जगह पर अपनी क्लास में टीचर की वेशभूषा में पढ़ाने का मौका मिलता है।

किसी भी समाज का एक अच्छा वक्ता टीचर होता है। इंसान ही नहीं जब भगवान ने भी धरती पर अवतार लिया तो उन्होंने भी एजुकेशन को काफी ज्यादा महत्व दिया। हमारी इंडियन संस्कृत में भी इस बात को दर्शाया गया है कि अर्जुन को अपने गुरु द्रोणाचार्य से शिक्षा मिली, वहीं भगवान राम को भी अपने गुरु से शिक्षा मिली। यहां तक की एकलव्य जैसे बालक ने भौतिक रूप से शिक्षक न होने पर गुरु द्रोणाचार्य को ही मन ही मन अपना शिक्षक अर्थात गुरु मान लिया और अच्छी खासी धनुष बाड की विद्या सीखी।

इस प्रकार से आप समझ सकते हैं कि हर आदमी के लाइफ में एजुकेशन का कितना ज्यादा महत्व है और हायर एजुकेशन को प्रदान करने वाला टीचर का स्थान देश में भगवान के बराबर माना जाता है। तभी तो टीचरों के लिए गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरा जैसे श्लोक भी गाए गए हैं जो शिक्षकों की महानता को दर्शाने का काम करते है।

हमारे देश के महान पॉलिटिशियन डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को इंडिया के पहले उपराष्ट्रपति और देश के दूसरे राष्ट्रपति से पहले एक शिक्षित टीचर के तौर पर भी देखा जाता है। इन्होंने भारतीय बच्चों को दर्शनशास्त्र को कुछ इस प्रकार से समझाया था कि सिर्फ इंडिया ही में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इनकी एजुकेशन देने के चर्चे होने लगे थे।

इन्हें सम्मान देने के लिए ही भारतीय सरकार हर साल बड़े लेवल पर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाती है। इंडिया में टीचर डे के दिन अलग-अलग स्कूल तथा कॉलेज और यूनिवर्सिटी में कई प्रकार के समारोह को आयोजित किया जाता है और अच्छा प्रदर्शन करने वाले टीचरों को मंच पर बुलाकर उन्हें फूल माला पहनाकर और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाता है ताकि वह विद्यार्थियों को और भी अच्छी शिक्षा दे सके।

वर्तमान में लगभग सभी लोगों के पास स्मार्टफोन उपलब्ध हो गए हैं। ऐसे में लोग स्कूल ना जाकर अपने टीचरों को मैसेज के माध्यम से शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं सेंड कर देते हैं। हालांकि हमारा मानना है कि इस दिन अगर पॉसिबल हो तो अपने टीचरों से सामने से मुलाकात करनी चाहिए और उनके साथ अच्छा समय व्यतीत करना चाहिए। इससे आप और आपके टीचर के बीच अच्छी बॉन्डिंग बनेगी।

शिक्षक दिवस पर लंबा निबंध (Shikshak Diwas Par Nibandh Long Essay)

प्रस्तावना 

समाज के उत्थान के लिए और विकास के लिए एजुकेशन काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है और एजुकेशन प्रदान करने के लिए शिक्षक जिम्मेदार होते हैं। शिक्षकों के महत्व को देखते हुए हर साल 5 सितंबर को टीचर्स डे मनाया जाता है। हमारे जीवन में जो लोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, उनमें शिक्षक भी शामिल होते हैं, जिनसे हमें ज्ञान और समझ की प्राप्ति होती है, जो हमारे डेवलपमेंट के लिए जरूरी होता है।

शिक्षक दिवस का महत्व 

जो लोग शिक्षकों का महत्व समझते हैं, वह टीचर्स डे के मौके पर अपने टीचर को आभार प्रकट करते हैं क्योंकि जीवन में हमें कौन सी सही दिशा में चलना है, इसकी सलाह टीचर के द्वारा ही दी जाती है। हम टीचर डे के मौके पर अपने टीचरों के साथ अपने एक्सपीरियंस शेयर करते हैं और उनसे भी उनकी लाइफ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करते हैं, ताकि हम उनके साथ और भी ज्यादा अच्छी तरह से कनेक्ट हो सके।

हमें टीचर्स डे इस बात की भी याद दिलाता है कि, टीचर से हमें सिर्फ इनफॉरमेशन ही नहीं मिलती है बल्कि टीचर हमारा मार्गदर्शन भी करते हैं और वह हमारे मोटिवेशनल स्पीकर भी होते हैं।

टीचर्स डे हमें इस बात की भी याद दिलाता है कि, एजुकेशन से हमारा जो समाज है, उसका कितना ज्यादा विकास होता है। अगर टीचर ना हो तो कोई भी समाज शायद ही डेवलपमेंट कर सके और इसीलिए हमें सभी शिक्षकों के प्रति पूरी तरह से समर्पण भावना दिखानी चाहिए और जहां कहीं भी वह मिले, तो उनका सम्मान करना चाहिए। टीचर हमें सिर्फ एजुकेशन ही नहीं देते हैं बल्कि उनके द्वारा हमारे चरित्र का भी निर्माण किया जाता है और टीचर डे के माध्यम से हम उनका जो योगदान है, उसकी सराहना करते हैं और उन्होंने हमें जो शिक्षा दी है, उसके लिए हम उनका धन्यवाद प्रकट करते हैं।

शिक्षक दिवस का उद्देश्य 

टीचर्स डे को सेलिब्रेट करके हम टीचरों को अपने मार्गदर्शक के तौर पर एक्सेप्ट करते हैं और हम टीचरों के साथ मिलकर एक टीम के तौर पर काम करते हैं, जो एजुकेशन को लेकर पूर्ण रूप से समर्पण की भावना रखती है। 

टीचर्स डे पर हमें इस बात को भी समझने का मौका मिलता है कि एक टीचर हमें सही ज्ञान देने के लिए अपना पूरा समय देता है और साथ ही पूर्ण रूप से समर्पित होकर हमें किसी भी परिस्थिति में पढ़ाने का काम करता है। टीचरों का काम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वह देश के युवाओं को इनफॉरमेशन प्रदान करते हैं। यह इनफॉरमेशन ऐसी होती है, जिससे अधिकतर विद्यार्थियों का कभी पहले परिचय ही नहीं हुआ होता है।

शिक्षक दिवस का आयोजन

शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाते हैं। इसी दिन डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का भी जन्म हुआ था। इस मौके पर विशेष तौर पर स्कूल में कई कार्यक्रम स्कूल प्रशासन आयोजित करता है। इस मौके पर विद्यार्थी शिक्षक दिवस पर अपने गुरुओं के प्रति अपने विचार प्रकट करते हैं अथवा भाषण देते हैं या फिर निबंध लिखते हैं। इसके अलावा कई एक्टिविटी शिक्षक दिवस के मौके पर की जाती है।

उपसंहार

वर्तमान में एजुकेशन भी एक धंधा बनकर रह गया है। आज गुरु और शिष्य की परंपरा भी कहीं ना कहीं कलंकित होती देखी जा रही है। अक्सर यह खबरें आती है की टीचरों के द्वारा विद्यार्थियों से और विद्यार्थियों के द्वारा टीचरों से अनुचित व्यवहार किया गया है। इसे देखकर हमारे देश की महत्वपूर्ण गुरु शिष्य परंपरा पर सवालिया निशान उठते हैं। ऐसे में विद्यार्थी और टीचर दोनों का यह कर्तव्य बनता है कि, वह सही प्रकार से गुरु और शिष्य की परंपरा को समझें और इसका पालन करें।

Conclusion: Essay On Teachers Day

Essay On Teachers Day in Hindi

कुछ इंर्पोटेंट इनफॉरमेशन आपने इस पोस्ट में हासिल की। पोस्ट में यदि आपको कुछ भी समझ में ना आया हो, तो अपने सवाल आप पूछ सकते हैं। इसके लिए नीचे दिए हुए कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल करें। कमेंट बॉक्स के सभी क्वेश्चन का हम आंसर देने का प्रयास करेंगे। हमारी वेबसाइट Yojanadarpan.in पर और भी ऐसे कंटेंट उपलब्ध हैं जो आपको पसंद आ सकते हैं, तो उन्हें पढ़ना बिल्कुल भी ना भूले। धन्यवाद!

FAQ:

Q. शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

Ans: शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर मनाया जाता है, जो एक महान शिक्षक, विद्वान और दार्शनिक थे। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और अपने जीवन को शिक्षा के लिए समर्पित किया।

Q. शिक्षक दिवस पर निबंध लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

Ans: शिक्षक दिवस पर निबंध लिखते समय निम्नलिखित बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए:

  1. परिचय: शिक्षक दिवस का परिचय और इसका महत्व बताएं।
  2. इतिहास: शिक्षक दिवस की शुरुआत और डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के योगदान पर चर्चा करें।
  3. शिक्षकों की भूमिका: शिक्षकों की भूमिका और उनके महत्व पर विचार व्यक्त करें।
  4. समारोह: स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है, इसका वर्णन करें।
  5. निष्कर्ष: शिक्षक दिवस के महत्व को सारांशित करें और शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करें।

Q. शिक्षक दिवस का महत्व क्या है?

Ans: शिक्षक दिवस का महत्व यह है कि यह दिन हमें हमारे शिक्षकों की कठिनाइयों और उनके योगदान की याद दिलाता है। शिक्षकों का समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान है, वे न केवल हमें शिक्षा देते हैं, बल्कि हमें जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं। इस दिन, छात्र अपने शिक्षकों को उनके योगदान के लिए सम्मान और प्यार दिखाते हैं।

Q. शिक्षक दिवस पर निबंध कितने शब्दों का होना चाहिए?

Ans: शिक्षक दिवस पर निबंध की शब्द सीमा सामान्यतः 300 से 500 शब्दों के बीच होनी चाहिए, लेकिन यह आपकी आवश्यकताओं और प्रतियोगिता के नियमों पर भी निर्भर करती है।

Q. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म कब हुआ था?

Ans: इनका जन्म 5 सितंबर को हुआ था।

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