Vishwakarma Jayanti 2024 | विश्वकर्मा पूजा कब है: क्यों मनाई जाती है विश्वकर्मा जयंती, जाने इसका महत्व, कहानी और आरती

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विश्वकर्मा पूजा कब है (Vishwakarma Jayanti 2024): हिंदू धर्म के जो धार्मिक त्योहार है, उनका रिलेशन किसी न किसी देवी अथवा देवता के साथ होता ही है। बात करें अगर विश्वकर्मा जयंती की तो हिंदू धर्म के विश्वकर्मा समुदाय में विश्वकर्मा भगवान का काफी ज्यादा महत्व है। विश्वकर्मा जयंती के भव्य त्यौहार को कन्या संक्रांति के दिन सेलिब्रेट करते हैं। 

यह त्यौहार हर साल 17 सितंबर को देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बता दें कि, भगवान विश्वकर्मा जी को भगवान ब्रह्मा जी का सातवां पुत्र माना जाता है। उनका जन्म इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान हुआ था। ऐसे में भगवान विश्वकर्मा जी को खुश करने के लिए और उनसे अपनी मनोकामना को पूर्ण करवाने के लिए लोग उनकी पूजा इस दिन करते हैं। विश्वकर्मा भगवान जी को वास्तुकार और शिल्पकार की उपाधि दी गई है और इन्हें वास्तु कला का देवता भी कहते हैं। चलिए इस पेज पर विश्वकर्मा जयंती की प्रमुख बातें जानते हैं।

Overview Of Vishwakarma Jayanti 2024

आर्टिकल का नामविश्वकर्मा जयंती 2024
उद्देश्यविश्वकर्मा जयंती की जानकारी देना
संबंधित जयंतीविश्वकर्मा जयंती
संबंधित तारीख17 सितंबर
भाषाहिंदी

विश्वकर्मा जयंती 2024 (Vishwakarma Jayanti 2024)

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त्रिदेवों में से एक भगवान श्री ब्रह्मा के कहने पर ही विश्वकर्मा भगवान जी के द्वारा दुनिया की सभी वस्तुओं की रचना की गई थी, ताकि जिंदगी आराम से व्यतीत हो सके। बताना चाहते हैं कि, बड़े ही उत्साह के साथ कन्या संक्रांति को विश्वकर्मा जयंती धूमधाम के साथ मनाई जाती है। 

हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के मौके पर देश में विश्वकर्मा समुदाय के द्वारा बड़े पैमाने पर सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाया जाता है। इस दिन स्पेशल तौर पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। लोग इस दिन अपनी मशीनों, अपनी गाड़ियों की पूजा करते हैं। इसके लिए वह मशीनों और गाड़ियों पर फूल चढ़ाते हैं या फिर फूलमाला अर्पित करते हैं।

विश्वकर्मा पूजा कब है (When is Vishwakarma Puja)

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इस पूजा का आयोजन कन्या संक्रांति के दिन होता है। साल 2024 की बात करें तो 17 सितंबर को कन्या संक्रांति आ रही है। ऐसे में साल 2024 में विश्वकर्मा जी की पूजा 17 सितंबर को मनाई जाएगी। ऐसा कहा जाता है कि यही वह दिन है जब समुद्र मंथन के दौरान विश्वकर्मा भगवान जी प्रकट हुए थे।

विश्वकर्मा पूजा महत्व (Importance Of Vishwakarma Puja)

इंजीनियर, लकड़ी का काम करने वाले लोग, वेल्डर और मकान निर्माण करने वाले लोगों के द्वारा विश्वकर्मा भगवान जी की पूजा की जाती है। ऐसा करने के पीछे उनकी मान्यता है कि इससे उनके स्किल में बढ़ोतरी होती है और उनकी जिंदगी में सुख समृद्धि में भी इजाफा होता है। लोग विश्वकर्मा जयंती के दिन विशेष तौर पर औजार, मशीन, दुकान, कारखाने इत्यादि की पूजा फूल माला और गंगाजल से करते हैं। इससे विश्वकर्मा जयंती सेलिब्रेट भी हो जाती है साथ ही गंगाजल का छिड़काव होने से स्थान भी पवित्र हो जाता है।

विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त 2024 (Vishwakarma Puja Shubh Muhurat 2024)

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विश्वकर्मा भगवान की पूजा इस साल 17 सितंबर को की जाएगी, क्योंकि इसी दिन उनकी जयंती है। 17 सितंबर को अभिजीत मुहूर्त की स्टार्टिंग सुबह 11:51 पर हो जाएगी और इसकी समाप्ति 12:40 पर होगी। 

इस प्रकार से आप 11:51 से लेकर 12:40 तक विश्वकर्मा भगवान जी की पूजा कर सकते हैं। हम आपको यह भी बताना चाहते हैं कि, इसी दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। ऐसे में कोई व्यक्ति यदि पूजा करना चाहता है, तो उसे अभिजीत मुहूर्त में ही पूजा पूरी कर लेनी चाहिए, ताकि उसे मनवांछित फल की प्राप्ति हो सके।

विश्वकर्मा जयंती क्यों मनाई जाती है (Why Vishwakarma Puja is Celebrated)

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हिंदू धर्म के लोग विश्वकर्मा देवता की पूजा विश्वकर्मा जयंती के दिन करते हैं। इस त्यौहार को सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, कर्नाटक, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और गुजरात के साथ ही साथ मध्य प्रदेश जैसे राज्य में मनाया जाता है। 

पुराणो के अनुसार यह कहा गया है कि, ब्रह्मा जी के द्वारा जब पृथ्वी का निर्माण किया गया, तब पृथ्वी को संभालने के लिए विश्वकर्मा भगवान जी को काम दिया गया। धार्मिक मान्यता के अनुसार देखा जाए तो विश्वकर्मा भगवान जी के द्वारा आकाश, भवन, हथियार और पुष्पक विमान इत्यादि चीजों को बनाया गया था। तो इस प्रकार से लोगों का यह मानना है कि विश्वकर्मा जयंती के दिन उनकी पूजा करने से स्किल में सुधार आता है और बिजनेस या फिर नौकरी में भी तेजी के साथ तरक्की होती है।

विश्वकर्मा जी की आरती (Vishwakarma ji ki Aarti Lyrics)

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता,
रक्षक स्तुति धर्मा ॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
आदि सृष्टि मे विधि को,
श्रुति उपदेश दिया ।
जीव मात्र का जग में,

ज्ञान विकास किया ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
ऋषि अंगीरा तप से,
शांति नहीं पाई ।

ध्यान किया जब प्रभु का,
सकल सिद्धि आई ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
रोग ग्रस्त राजा ने,

जब आश्रय लीना ।
संकट मोचन बनकर,
दूर दुःखा कीना ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
जब रथकार दंपति,

तुम्हारी टेर करी ।
सुनकर दीन प्रार्थना,
विपत सगरी हरी ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।

एकानन चतुरानन,
पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज,
सकल रूप साजे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,

जय श्री विश्वकर्मा ।
ध्यान धरे तब पद का,
सकल सिद्धि आवे ।
मन द्विविधा मिट जावे,
अटल शक्ति पावे ॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
श्री विश्वकर्मा की आरती,
जो कोई गावे ।
भजत गजानांद स्वामी,

सुख संपति पावे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता,
रक्षक स्तुति धर्मा ॥

Conclusion:

Vishwakarma Jayanti 2024 के बारे में आपने इस आर्टिकल में जाना। यदि आपको इस आर्टिकल में कोई चीज समझ में नहीं आ रही है, तो हमारा जो कमेंट बॉक्स नीचे मौजूद है, वहां पर आप अपने सवालों को पूछ सकते हैं, जिसका जवाब हमारी टीम जल्द से जल्द देने की कोशिश करेगी। हमारी वेबसाइट योजना दर्पण पर और भी बहुत सारे इंटरेस्टिंग आर्टिकल कई टॉपिक पर उपलब्ध है, जिन्हें पढ़ना बिल्कुल भी ना भूले। धन्यवाद!

FAQ:

Q.विश्वकर्मा जयंती कब मनाई जाती है?

Ans:विश्वकर्मा जयंती आमतौर पर हर साल 17 सितंबर को मनाई जाती है। यह दिन कुंवारी देवी पूजा के समापन के बाद आता है और इसे विशेष रूप से निर्माण क्षेत्र और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

Q.विश्वकर्मा जयंती का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है?

Ans:विश्वकर्मा जयंती का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। भगवान विश्वकर्मा को हिंदू धर्म में सभी तकनीकी और शिल्पकलाओं का स्वामी माना जाता है। इस दिन, उनके अनुयायी अपने यंत्रों, मशीनों और अन्य कार्यस्थलों का पूजन करते हैं और उनके समर्पण के साथ अपने काम की गुणवत्ता और सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं।

Q.क्या विश्वकर्मा जयंती केवल श्रमिकों और शिल्पकारों के लिए है?

Ans:हालांकि विश्वकर्मा जयंती विशेष रूप से शिल्पकारों, इंजीनियरों, और तकनीकी कर्मियों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन यह पर्व किसी भी व्यक्ति द्वारा मनाया जा सकता है जो भगवान विश्वकर्मा की पूजा करना चाहता है। यह दिन सभी के लिए उपलब्ध है जो अपने कार्यों में भगवान विश्वकर्मा की कृपा और आशीर्वाद चाहते हैं।

Q.विश्वकर्मा जयंती पर उपवास और प्रसाद क्या होता है?

Ans:विश्वकर्मा जयंती पर उपवास की कोई विशेष परंपरा नहीं होती, लेकिन लोग इस दिन शुद्ध और सात्विक भोजन करते हैं। पूजा के बाद प्रसाद के रूप में मिठाइयाँ, फल, और अन्य शुद्ध भोजन वितरित किए जाते हैं।

Q. इतिहास में विश्वकर्मा क्या है?

Ans: भगवान विश्वकर्मा जी ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र है।

Q: क्या हर साल विश्वकर्मा जयंती की तारीख निश्चित है?

Ans: विश्वकर्मा जयंती की तारीख हर साल निश्चित रहती है।

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