सावन 2024: (Sawan 2024) श्रावण मास 2024, जिसे सावन या श्रावण मास के नाम से भी जाना जाता है, 22 जुलाई से 19 अगस्त तक चलेगा। यह हिंदू पंचांग के पांचवें माह के रूप में माना जाता है और विशेष रूप से भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस मास में शिवजी की पूजा, व्रत और अर्चना करने का महत्व अत्यंत उच्च माना जाता है। श्रावण मास पश्चिमी कैलेंडर के अनुसार आमतौर पर जुलाई और अगस्त महीने के बीच आता है। इस मास में हिंदू समुदाय के लिए विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां होती हैं, जो उनके आध्यात्मिक और सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण होती हैं।
श्रावण मास को हिंदू धर्म शास्त्रों में एक पवित्र और शुभ मास माना गया है। इस मास में किसी भी शुभ कार्य को करने का महत्व अत्यधिक होता है, क्योंकि मान्यता है कि इस समय हर दिन भग्यशाली और आध्यात्मिक रूप से ऊर्जावान होता है। श्रावण मास में भगवान शिव की विशेष पूजा और व्रत अधिकतर लोग करते हैं, जिससे उन्हें अपने जीवन में शांति, समृद्धि और उनकी कृपा प्राप्त होती है। इन उत्सवों में भगवान शिव के विशेष रूप से अराधना और पूजा की जाती है। इन अवसरों पर लोग भगवान शिव के ध्यान, मंत्र जाप, व्रत और पूजन करते हैं ताकि उन्हें भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो सके।
क्या है श्रावण मास (What is Shravan Month)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास Sawan 2024 सभी महीनों की तुलना में सबसे पवित्र महीनों में से एक है। यह हिंदू कैलेंडर का पाँचवाँ महीना है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसका नाम श्रावण क्यों पड़ा? श्रवण नक्षत्र को पूर्णिमा या पूर्ण-चंद्रमा के दिन आकाश पर शासन करने वाला माना जाता है; इसलिए, इसका नाम नक्षत्र से लिया गया है। इस महीने के दौरान, भक्त शिवलिंग पर पत्रम-पुष्पम और फलम-तोयम चढ़ाते हैं।
श्रावण का महीना त्योहारों और आयोजनों का पर्याय है। यह सभी शुभ आयोजनों को करने का सबसे अच्छा समय है क्योंकि इस महीने के अधिकांश दिन शुभ आरंभ (नई शुरुआत) के लिए आशाजनक होते हैं।
इस महीने में, हर सोमवार को सभी मंदिरों में श्रावण सोमवार के रूप में मनाया जाता है, जिसमें शिवलिंग पर धारणा की जाती है, पूरे दिन और रात में पवित्र जल और दूध से स्नान कराया जाता है। आइए श्रावण और सभी महत्वपूर्ण सोमवारों की तिथियों और समय को समझें!
Sawan Kyu Manaya Jata Hai (क्यों मनाया जाता है सावन)
मानसून का मौसम सिर्फ़ बारिश ही नहीं लाता। यह हिंदू कैलेंडर के पवित्र महीने श्रावण को भी लाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में आता है। इस महीने को भगवान शिव को समर्पित माना जाता है और इसमें बहुत सारी परंपराएं और धार्मिक प्रथाएं होती हैं। हिंदू धर्म में सावन महीने का बहुत महत्व है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को आशीर्वाद, समृद्धि और मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है। साथ ही, इस महीने में आने वाला मानसून का मौसम भी खेती के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लोग अपने आध्यात्मिक विकास और भगवान शिव के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करते हैं। इस दौरान भक्त अक्सर शाकाहारी भोजन का भी पालन करते हैं, जो कि उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है।
श्रावण मास का महत्व (Shravan Month Significance)
श्रावण मास का हिंदुओं के लिए विशेष महत्व है और हिंदू धर्म में इसका बहुत महत्व है। हिंदू कैलेंडर में इसे एक पवित्र और पवित्र महीना माना जाता है और हिंदू इस महीने में कई धार्मिक कार्य करते हैं और कई लोग उपवास रखते हैं और भगवान शिव की पूजा भी करते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं और भक्त बड़े भक्ति भाव से विनाश के देवता शिव की पूजा करते हैं और विशेष पूजा करके इस भगवान को प्रसन्न करते हैं। श्रावण का पवित्र महीना आमतौर पर जॉर्जियाई कैलेंडर के जुलाई-अगस्त महीने में पड़ता है। श्रावण का महीना पूरी तरह से भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है जो बहुत आसानी से और सरल पूजा से प्रसन्न हो जाते हैं और इसलिए शिव को आशुतोष भी कहा जाता है। श्रावण का महीना पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दक्षिण पश्चिम मानसून के आगमन से जुड़ा हुआ है। कई हिंदुओं के लिए श्रावण का महीना उपवास का महीना होता
सावन 2024 प्रारंभ तिथि (Sawan 2024 Start Date)
हिंदू कैलेंडर में सावन का महीना एक महत्वपूर्ण समय है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। 2024 में पूर्ण चंद्र चक्र तक चलने वाला यह पवित्र महीना आषाढ़ पूर्णिमा के तुरंत बाद शुरू होता है।2024 में, सावन महीना, जिसे श्रावण के नाम से भी जाना जाता है, 22 जुलाई, सोमवार को शुरू होगा और 19 अगस्त, सोमवार को समाप्त होगा। इस साल सावन 29 दिनों तक चलेगा।
सावन 2024 समाप्ति तिथि (Sawan 2024 End Date)
हिंदू धर्म में सावन Sawan 2024 का महीना धार्मिक अनुष्ठानों और महत्व के लिए महत्वपूर्ण समय होता है। इसे आध्यात्मिक विकास और भक्ति का महीना माना जाता है। श्रावण मास एक पवित्र महीना है और इस महीने में पूरी लगन और भक्ति के साथ भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को शांति और आध्यात्मिक प्रगति प्राप्त करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, भक्तों को सर्वशक्तिमान भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 2024 में सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त को समाप्त होगा।
वर्ष 2024 में पांच सावन सोमवार पड़ने वाले हैं। वर्ष 2024 में सावन सोमवार की महत्वपूर्ण तिथियां इस प्रकार हैं:
- पहला सावन सोमवार (व्रत): 22 जुलाई
- दूसरा सावन सोमवार (व्रत): 29 जुलाई
- तीसरा सावन सोमवार (व्रत): 5 अगस्त
- चौथा सावन सोमवार (व्रत): 12 अगस्त
- पांचवां सावन सोमवार (व्रत): 19 अगस्त
श्रावण मास व्रत कथा (Shravan Month Vrat Katha)
पारंपरिक कथा के अनुसार, एक बार दक्ष राजा की बेटी ने अपनी जान को त्याग दिया था और उसके बाद वह हिमालय के राजा के घर पार्वती के रूप में पुनर्जन्म ले लिया था। पार्वती भगवान शिव से विवाह करना चाहती थीं। इसीलिए उन्होंने श्रावण मास में बहुत तपस्या की। भगवान शिव उनकी भक्ति से प्रसन्न हो गए और उन्होंने उनकी इच्छा पूरी की। भगवान शिव को श्रावण मास बहुत पसंद है क्योंकि इस समय उन्हें अपनी पत्नी से फिर से मिलना हुआ था। हिंदू कैलेंडर और पंचांग के अनुसार श्रावण मास 25 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस पवित्र महीने के दौरान, लोग शिवलिंग की पूजा करते हैं और पूरी रात भगवान शिव की अराधना में लगे रहते हैं।
श्रावण मास के पीछे एक और कहानी
श्रावण मास शिव पूजा की कथा ‘समुद्र मंथन’ से संबंधित है जो श्रावण मास के दौरान किया गया था। समुद्र मंथन के दौरान निकले चौदह तत्वों में से ‘हलाहल’ विष को भगवान शिव ने दुनिया को बचाने के लिए पी लिया था। उन्हें नीलकंठ के रूप में जाना जाने लगा क्योंकि उन्होंने विष को अपने गले में धारण किया था जो घातक विष के कारण नीला हो गया था। श्रावण मास के दौरान शिव पूजा भगवान के लिए एक प्रस्तुति है जो हमेशा अपने अनुयायियों को सभी खतरों और बीमारियों से बचाता है और अच्छे स्वास्थ्य और भाग्य प्रदान करता है, जिसे इस प्रकार भी जाना जा सकता है:
श्रावण मास के पीछे वैज्ञानिक कारण (Scientific Reason Behind Shravan Month)
- श्रावण मास में दूध न पीने की वजह क्या है? आयुर्वेद के अनुसार, यह माह ऐसा समय होता है जब शरीर में वात दोष बढ़ जाता है। इससे जोड़ों में दर्द, घुटनों में दर्द, और गठिया जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। गायों से निकलने वाला दूध वात प्रकृति का होता है और इसलिए इसे इस महीने में अधिक नहीं पीना चाहिए।
- श्रावण माह का वैज्ञानिक कारण आपको विस्मित कर देगा। आयुर्वेद के अनुसार, इस महीने में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और इसलिए मसालेदार और तैलीय भोजन से बचना चाहिए। आपको श्रावण के दौरान हल्का और स्वस्थ आहार लेना चाहिए।
- श्रावण मास बारिश का महीना होता है और मानसून में कीड़े-मकोड़ों का प्रजनन काल होता है। मवेशी और मुर्गी पालन करने वाले पक्षियों को अनाज और घास खिलाया जाता है, जो इस तरह के खतरों से प्रभावित हो सकते हैं। मांसाहारी आहार से हैजा, दस्त, हेपेटाइटिस जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
- कई लोग श्रावण में उपवास करते हैं, क्योंकि यह बारिश का समय होता है और धूप कम मिलती है, जिससे पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता। लोग इस महीने में आमतौर पर प्रत्येक सोमवार को उपवास करते हैं।
Conclusion: Sawan 2024
आपको सावन 2024 की जानकारी देने के लिए हमारे आर्टिकल में आपको विस्तार से बताया गया है। अगर इस योजना से जुड़े और कोई भी सवाल या जानकारी चाहिए, तो कृपया कमेंट बॉक्स में अपना Q. पूछें। हमारी टीम जल्दी से जल्दी आपके सवालों का जवाब देने का प्रयास करेगी। और अगर आपको और भी रोमांचक आर्टिकल पढ़ने हैं, तो हमारी वेबसाइट योजना दर्पण पर नियमित रूप से जाएं। धन्यवाद!
FAQ’s
Q. सावन 2024 कब शुरू और कब समाप्त होगा?
Ans. सावन 2024 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त को समाप्त होगा।
Q. श्रावण के दौरान कुछ महत्वपूर्ण त्यौहार कौन से हैं?
Ans. श्रावण के दौरान कांवड़ यात्रा, शिवरात्रि और नाग पंचमी मनाई जाती है।
Q. हिंदू धर्म में श्रावण को शुभ क्यों माना जाता है?
Ans. यह भगवान शिव का पसंदीदा महीना माना जाता है, जो आध्यात्मिक शुद्धि और आशीर्वाद प्रदान करता है।
Q. भक्त श्रावण का पालन कैसे करते हैं?
Ans. वे विशेष अनुष्ठान करते हैं, उपवास करते हैं और शांति और समृद्धि के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करते हैं।
Q. श्रावण के दौरान उपवास का क्या महत्व है?
Ans. माना जाता है कि उपवास शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है, जिससे भक्त भगवान शिव के करीब आते हैं।
Q. श्रावण माह के पीछे पौराणिक कथा क्या है?
Ans. यह देवी पार्वती की भगवान शिव के प्रति भक्ति की कहानी से संबंधित है, जिसके कारण उन्हें उनका आशीर्वाद मिला।